June 21, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152859096446922
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बहुआयामीय चुनाव प्रणाली (Multi-Election) ---- जहाँ तक सम्भव हो सके विभागो के शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति चुनाव द्वारा की जानी चाहिए, किन्तु राईट टू रिकाल और जूरी सिस्टम कानूनों के अभाव में ऐसी प्रणाली भरभरा कर ढह जायेगी ।
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अमरीका तथा भारत, ब्रिटेन आदि की राजनेतिक व्यवस्था की व्याख्या करने के लिए मैं एक नयी अवधारणा 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' का प्रतिपादन कर रहा हूँ ।
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भारत में चुनाव विधायक, सांसद, पार्षद आदि पदों तक ही सीमित है, तथा प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री सभापति आदि का पदस्थापन अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली द्वारा होता है, जबकि न्यायधीश वगेरह नियुक्त किये जाते है ।
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ब्रिटेन में भी सांसदों को छोडकर, पार्षद, बोर्ड मेंबर आदि या अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनकर आते है या नियुक्त होते है ।
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इसकी तुलना अमेरिका से कीजिये ।
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अमेरिका में निम्नलिखित पदों पर व्यक्ति सीधे जनता द्वारा चुने जाते है ।
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संघीय सरकार में :
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संघ-1. राष्ट्रपति (प्रधानमन्त्री)
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संघ-2. उप राष्ट्रपति ( उप प्रधानमन्त्री)
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संघ-3. सीनेटर ( राज्यसभा सदस्य)
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संघ-4. प्रतिनधि (लोकसभा सदस्य)
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राज्यों में :
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राज्य-1. गवर्नर (मुख्यमंत्री)
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राज्य-2. डिप्टी गवर्नर (उप मुख्यमंत्री)
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राज्य-3. प्रतिनिधि (विधायक)
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राज्य-4. सीनेटर (विधान परिषद् के सदस्य)
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राज्य-5. कई मंत्री (केन्सास राज्य में कृषि मंत्री आदि)
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राज्य-6. हाई कोर्ट जज (टेक्सास राज्य)
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राज्य-7. न्यायिक पदों पर पुनारिक्षण प्रणाली ( कुछ राज्यों में जजों को पद पर बने रहने के लिए लगातार जनमत संग्रह की प्रक्रिया से गुजरना होता है)
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राज्य-8. राज्य लोक अभियोजक
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जिला स्तर पर :
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जिला-1. काउंसलर (पार्षद)
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जिला-2. मेयर (सभापति, महापौर)
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जिला-3. जिला शिक्षा अधिकारी
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जिला-4. जिला पुलिस प्रमुख (शेरिफ)
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जिला-5. जिला लोक अभियोजक
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जिला-6. जिला जज
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मैं इन प्रक्रियाओं की व्याख्या के लिए, 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' की अवधारणा द्वारा इसकी व्याख्या करूँगा--- एक प्रणाली जहाँ राज्य, केंद्र तथा जिला स्तर पर कई विभागों के मुखिया जनता द्वारा सीधे चुन कर आते है ।
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क्यों 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' बिना राईट टू रिकाल/जूरी सिस्टम के अभाव में ढह जायेगी ?
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इसकी व्याख्या मैं फिर कभी करूँगा ।
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अमरीका तथा भारत, ब्रिटेन आदि की राजनेतिक व्यवस्था की व्याख्या करने के लिए मैं एक नयी अवधारणा 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' का प्रतिपादन कर रहा हूँ ।
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भारत में चुनाव विधायक, सांसद, पार्षद आदि पदों तक ही सीमित है, तथा प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री सभापति आदि का पदस्थापन अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली द्वारा होता है, जबकि न्यायधीश वगेरह नियुक्त किये जाते है ।
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ब्रिटेन में भी सांसदों को छोडकर, पार्षद, बोर्ड मेंबर आदि या अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनकर आते है या नियुक्त होते है ।
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इसकी तुलना अमेरिका से कीजिये ।
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अमेरिका में निम्नलिखित पदों पर व्यक्ति सीधे जनता द्वारा चुने जाते है ।
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संघीय सरकार में :
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संघ-1. राष्ट्रपति (प्रधानमन्त्री)
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संघ-2. उप राष्ट्रपति ( उप प्रधानमन्त्री)
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संघ-3. सीनेटर ( राज्यसभा सदस्य)
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संघ-4. प्रतिनधि (लोकसभा सदस्य)
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राज्यों में :
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राज्य-1. गवर्नर (मुख्यमंत्री)
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राज्य-2. डिप्टी गवर्नर (उप मुख्यमंत्री)
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राज्य-3. प्रतिनिधि (विधायक)
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राज्य-4. सीनेटर (विधान परिषद् के सदस्य)
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राज्य-5. कई मंत्री (केन्सास राज्य में कृषि मंत्री आदि)
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राज्य-6. हाई कोर्ट जज (टेक्सास राज्य)
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राज्य-7. न्यायिक पदों पर पुनारिक्षण प्रणाली ( कुछ राज्यों में जजों को पद पर बने रहने के लिए लगातार जनमत संग्रह की प्रक्रिया से गुजरना होता है)
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राज्य-8. राज्य लोक अभियोजक
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जिला स्तर पर :
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जिला-1. काउंसलर (पार्षद)
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जिला-2. मेयर (सभापति, महापौर)
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जिला-3. जिला शिक्षा अधिकारी
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जिला-4. जिला पुलिस प्रमुख (शेरिफ)
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जिला-5. जिला लोक अभियोजक
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जिला-6. जिला जज
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मैं इन प्रक्रियाओं की व्याख्या के लिए, 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' की अवधारणा द्वारा इसकी व्याख्या करूँगा--- एक प्रणाली जहाँ राज्य, केंद्र तथा जिला स्तर पर कई विभागों के मुखिया जनता द्वारा सीधे चुन कर आते है ।
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क्यों 'बहु आयामीय चुनाव प्रणाली' बिना राईट टू रिकाल/जूरी सिस्टम के अभाव में ढह जायेगी ?
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इसकी व्याख्या मैं फिर कभी करूँगा ।
--- राहुल चिमन भाई मेहता
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