Friday, April 29, 2016

कैसे ज्वेलरी पर मोदी साहेब द्वारा लागू किया गया 1% उत्पाद शुल्क छोटे जौहरियों के निर्यात अवसरों को घटा कर निर्यात व्यापार को विशेष आर्थिक जोन (सेज) धारकों के हाथो में पहुँचा कर उन्हें गैर वाजिब लाभ पहुंचाएगा। (25-Apr-2016) No.7

April 25, 2016 No.7

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153446661841922

कैसे ज्वेलरी पर मोदी साहेब द्वारा लागू किया गया 1% उत्पाद शुल्क छोटे जौहरियों के निर्यात अवसरों को घटा कर निर्यात व्यापार को विशेष आर्थिक जोन (सेज) धारकों के हाथो में पहुँचा कर उन्हें गैर वाजिब लाभ पहुंचाएगा।
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जब कोई सेज धारक ज्वेलर निर्यात करता है तो उसे उत्पाद शुल्क नहीं चुकाना होता है।
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मान लीजिए कि एक आभूषण निर्माता जेवरात बनाता है और किसी ऐसे ट्रेडर को बेचता है, जो कि निर्यातक है। तब आभूषण निर्माता को उत्पाद शुल्क चुकाना होगा और उसे चुकाया गया यह उत्पाद शुल्क वापिस भी नहीं मिलेगा , क्योंकि निर्यात आभूषण निर्माता द्वारा नहीं बल्कि अन्य व्यापारी द्वारा किया गया है !!!
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और जब कोई ऐसा आभूषण निर्माता जिसके पास सेज का लाइसेन्स नहीं है, निर्यात करता है तो उसे पहले उत्पाद शुल्क चुकाना होगा और उसे चुकाए गए उत्पाद शुल्क का पुनर्भुगतान तब होगा जबकि किये गए निर्यात की विदेशी मुद्रा बैंक में जमा हो जाती है। दूसरे शब्दों में उसे पहले पैसे चुकाने होंगे और पुनर्भुगतान के लिए इन्तजार करना होगा। और भारत में सामान्यतया पैसा प्राप्त करने की ऐसी प्रक्रियाओं में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। और प्रक्रियांए इतनी जटिल होती है कि कई बार पुनर्भुगतान प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
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दूसरे शब्दों में, ज्वेलरी पर 1% उत्पाद शुल्क डालने का मोदी साहेब का प्रस्ताव सेज से बाहर काम कर रहे मझौले स्तर के निर्यातकों के निर्यात अवसरों को सिकोड़ देगा।
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समाधान ?
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हमारे इस सम्बन्ध में दो प्रस्ताव है :
१) सेज को दी जा रही सभी राहतो को समाप्त किया जाए।
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२) उत्पाद शुल्क के क़ानून को रद्द करके संपत्ति कर आरोपित किया जाए।
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संपत्ति कर के बारे में अधिक विवरण के लिए 'मेनिफेस्टो ऑफ़ राईट टू रिकॉल पार्टी' पुस्तक में 25 वां अध्याय देखें --
https://www.facebook.com/groups/righttorecallparty/10152114637883103/ ( for english )
https://web.facebook.com/permalink.php?story_fbid=745231492261756&id=100003247365514&_rdr (हिन्दी )
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और कृपया ध्यान दें कि सोनिया-मोदी-केजरीवाल का प्रत्येक अंधभगत आभूषणो पर 1% उत्पाद शुल्क लगाने का समर्थन कर रहा है। अत: यदि आप ज्वेलरी पर उत्पाद शुल्क का विरोध करते है तो सोनिया-मोदी-केजरीवाल और उनके अंध भगतो के साथ लग कर अपना समय नष्ट न करें। सोनिया-मोदी-केजरीवाल एक ही थाली के चट्टे बट्टे है, और इनके अंध भगत इनकी भक्ति के वश होकर इनकी चाटुकारिता करते है।
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हमारा आग्रह है कि -- विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए अच्छे कानूनों जैसे ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल, वेल्थ टैक्स आदि को देश में लागू करवाने के लिए राईट टू रिकॉल ग्रुप के कार्यकर्ताओ के साथ काम करें। 

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