Friday, April 29, 2016

SUPERB !!!! We at Right to Recall Group propose narcotest of Surpankha Gandhi in public in case of Westland Helicopter deal (27-Apr-2016) No.1

April 27, 2016 No.1

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153449799981922

SUPERB !!!! We at Right to Recall Group propose narcotest of Surpankha Gandhi in public in case of Westland Helicopter deal. Where as NaMo / ArKe / BJP / AAP / BJP etc are a;; opposing such narcotest in public !!! WHY?

आगस्टा वेस्टलैंड स्केंडल और उसका समाधान
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वीआईपी हेलीकॉप्टर आगस्टा वेस्टलैंड की खरीद के मामले में चल रहे मुकदमे में इटली की हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि इन हेलीकॉप्टरो की खरीद में घूस का लेनदेन हुआ, और भारत के नेताओ और अधिकारियों को भारी मात्रा में रिश्वत दी गयी। पेड मिडिया द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि 'भारत में अन्य अधिकारियों और नेताओ के अलावा अहमद पटेल, ऑस्कर फर्नांडिस, मनमोहन सिंह और कोई 'सिंग्नोरा गांधी'(*) नामधारी शख्श की इसमें भूमिका थी'।
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(*) इटालियन भाषा में सिंग्नोरा का मतलब मिसेज होता है। अत: यहां सिंग्नोरा गांधी से आशय मिसेज गांधी है।
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खबर का लिंक यहां देखें -- https://www.pgurus.com/italian-court-judgment-exposing-son…/
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मेरे हिसाब से यूपीए के 10 साला कार्यकाल में किये गए सभी घोटालो में सोनिया घांडी शामिल थी और उन्होंने आगस्टा डील में भी निश्चित रूप से पैसा खाया होगा। श्री मनमोहन सिंह जी के बारे में भी मोदी साहेब की तरह यह भ्रम फैलाया गया है कि वे ईमानदार है, और कभी घूस नहीं खाते। पर सच्चाई यह है कि मनमोहन का भी सभी घोटालो में नियमित हिस्सा होता था।
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सोडियम पेंटानोल नामक रसायन की यह विशेषता है कि इसका इंजेक्शन दिए जाने से व्यक्ति नीम बेहोशी में चला जाता है, और सोच समझकर झूठ बोलने की उसकी क्षमता समाप्त हो जाती है। इस रसायन का इंजेक्शन लगाकर आरोपी व्यक्ति से पूछताछ की जाती है, और व्यक्ति सभी सवालों के सच्चे जवाब देने लगता है। पूछताछ की इस प्रक्रिया को नार्को टेस्ट कहते है। नार्को टेस्ट लाई डिक्टेटर या पॉलीग्राफ टेस्ट से बिलकुल भिन्न है। लाई डिक्टेटर और पॉलीग्राफ में आरोपी को कोई दवा नहीं दी जाती, केवल सवाल पूछते समय शरीर का तापमान और धड़कन आदि मापने के लिए कुछ सेंसर लगाए जाते है। पॉलीग्राफ और लाइ डिक्टेटर से सिर्फ यह पता चलता है की आरोपी झूठ बोल रहा है, लेकिन सच्चाई मालूम नहीं होती, जबकि नार्को टेस्ट में आरोपी सच बोलने लगता है।
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नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी द्वारा दिए गए बयानों को अदालती कार्यवाही में सबूत की तरह नहीं माना जाता, लेकिन इस पूछताछ के दौरान आरोपी अपने खिलाफ कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां उगल देता है, जिनका पीछा करके सबूत बरामद करके न्यायालय में पेश किये जा सकते है। इसे एक उदाहरण से समझते है कि नार्को टेस्ट कैसे सबूत जुटाने में सहायता करता है।
प्रश्नों के नमूने :
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पहली स्थिति (सामान्य पूछताछ के दौरान)
सवाल - क्या आपने आगस्टा हेलीकॉप्टर के सौदे में रिश्वत खायी ?
सोनिया घांडी - नहीं खायी, नहीं खायी, नहीं खायी।
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दूसरी स्थिति (इंजेक्शन लगने के बाद)
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सवाल - आगस्टा हेलीकॉप्टर के लेनदेन में आपको कितना रूपया मिला ?
सोनिया - 10 करोड़ डॉलर
सवाल - पर राहुल तो कह रहा है कि 1000 करोड़ मिला था।
राहुल - उसे कुछ याद नहीं रहता। वो पैसा तो कोयले से आया था।
सवाल - पैसा आपने कैसे लिया ?
सोनिया - खाते में
सवाल - कौनसा खाता ? एसबीआई का ?
सोनिया - नहीं स्विस बैंक का ?
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सवाल - खाता नंबर बोलो
सोनिया - याद नहीं है।
सवाल - कहाँ लिखा हुआ है ?
सोनिया - मेरे मोबाइल में सेव है। बैडरूम में अंदर वाली अलमारी के लॉकर में जो फाइलें पड़ी है उसमें भी लिखा हुआ है।
सवाल - आपकी तरफ से ये सारी बातचीत किसने की ?
सोनिया - ये सब काम जमाई सा ही देखते है।
सवाल - मनमोहन सिंह जी कह रहे थे कि उनका पैसा भी आपने खा लिया।
सोनिया - झूठ है। उनको कोयले से बहुत पैसा मिला था। इसमें भी मिला है।
सवाल - और किसे किसे मिला ?
सोनिया - स्वामी, कपिल, ऑस्कर, वोरा और भी बहुत को मिला। पूरा हिसाब अहमद के पास है।
सवाल - स्वामी कौन ? सुब्रह्मण्यम स्वामी ?
सोनिया - हाँ
सवाल - उन्हें क्यों दिया ?
सोनिया - उन्होंने 2G में हंगामा मचाकर दूरसंचार मंत्रालय DMK के हाथ से निकालकर कांग्रेस को दिलवा दिया था। फिर हमने उससे बहुत पैसा बनाया। अपने ही आदमी है।
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तो इस प्रकार की जानकारी के बाद सोनिया की निशानदेही पर स्विस बैंक के खाता नंबर तक पहुंचा जा सकता है। और यदि उसमे रूपये पाये जाते है तो यह तय हो गया कि इस घोटाले में जमाई सा, मनमोहन और अहमद भी संदिग्ध है। अत: अगले चरण में इंजेक्शन अहमद और जमाई सा के लगाया जाएगा। इससे वे भी अपने खिलाफ और अन्य के खिलाफ सबूत उगलेंगे। और इस तरह से एक चेन रिएक्शन की तरह सभी आरोपी धर लिए जाएंगे।
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तो हमारे विचार में 10 साल के कार्यकाल में किये गए घोटालो का खुलासा करने, घूस में खायी गयी धनराशि को फिर से जब्त करने और घोटालेबाजो को जेल में पहुंचाने के लिए सोनिया घांडी का नागरिकों की ज्यूरी द्वारा नार्को टेस्ट लिया जाना चाहिए। यह निहायत ही जरूरी है कि ऐसा नार्को टेस्ट नागरिकों की ज्यूरी द्वारा किया जाए वरना जज पैसा खाकर मामला रफा दफा कर देगा। और यह टेस्ट सार्वजनिक रूप से लिया जाना चाहिए। ताकि जनता यह देख सके कि क्या सवाल जवाब किये जा रहे है। यदि सोनिया जी ईमानदार है तो छूट जायेगी और घोटालेबाज है तो पकड़ी जायेगी।
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हमारा प्रस्ताव है कि देश की मतदाताओं सूचियों में से 1500 नागरिकों का रेंडमली चयन किया जाए और यह ज्यूरी इस मुकदमे की सुनवाई करे। यदि दो तिहाई ज्यूरी सदस्य सोनिया घांडी का सार्वजनिक नार्को टेस्ट करने पर सहमति देते है तो नार्को टेस्ट लिया जाना चाहिए। मुकदमे की सुनवाई रोजाना की जानी चाहिए ताकि मामला महीने दो महीने में फैसल हो सके।
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समस्या ?
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समस्या यह है कि मोदी साहेब सोनिया घांडी के सार्वजनिक नार्को टेस्ट का विरोध कर रहे है ! आज यह मामला सामने आने के बाद उन्होंने सोनिया का सार्वजनिक नार्को टेस्ट लेने से साफ़ इंकार कर दिया है !! वे इस मामले की सुनवाई नागरिकों की ज्यूरी द्वारा किये जाने का भी विरोध कर रहे है !! उनका कहना है कि न तो सोनिया का और न ही अन्य कॉंग्रेसी आरोपियों का कोई नार्को टेस्ट लिया जाएगा। वे इस मामले की रोजाना सुनवाई के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच जैसे चल रही है वैसे ही चलेगी और इस बारे में जज ही फैसला करेंगे, और हम इस मामले को जनता में यूपी के चुनाव में जोर शोर से उठाएंगे !!!!
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श्री मोहन भागवत और अरविन्द केजरीवाल ने भी सोनिया के नार्को टेस्ट लिए जाने का विरोध करना शुरू कर दिया है, और वे भी इस मामले में मोदी साहेब से सहमत है ! सुब्रह्मण्यम स्वामी को भय है कि सोनिया का नार्को टेस्ट लेने से सोनिया पकड़ी जा सकती है, और वे भी इस मामले में घसीटे जा सकते है, अत: वे भी सोनिया के सार्वजनिक नार्को टेस्ट और नागरिकों की ज्यूरी द्वारा रोजाना सुनवाई का विरोध कर रहे है !!
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चूंकि जिस तरह भीष्म पितामह हस्तिनापुर की गद्दी से बंधे होने के कारण धृतराष्ट्र का समर्थन करने के लिए बाध्य थे उसी तरह मोदी साहेब के प्रति निष्ठा की शपथ ले लेने के कारण मोदी साहेब के सभी अंध भगत भी सोनिया का सार्वजनिक नार्को टेस्ट न लिए जाने के मोदी साहेब के फैसले का समर्थन करने पर विवश है !! सुब्रह्मणियम स्वामी के सभी अंध भगत भी सोनिया के नार्को टेस्ट लिए जाने का विरोध कर रहे है !! संघ के अंध सेवको का कहना है कि हम संघ के अनुशासित सिपाही है अत: हम परम पूज्य मोहन भागवत के फैसले के साथ है !! संघ के ज्यादातर संघ सेवक सोनिया का नार्को टेस्ट लिए जाने का समर्थन करते है लेकिन अनुशासन से बंधे होने के कारण इसका विरोध कर रहे है !!
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समाधान ?
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जो कार्यकर्ता सोनिया घांडी के सार्वजनिक नार्को टेस्ट के क़ानून का समर्थन करते है, उन्हें अपने सांसद को एसएमएस द्वारा आदेश भेजने चाहिए कि नार्को टेस्ट के क़ानून को गैजेट में प्रकाशित किया जाए।
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पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390
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जिन पाठको को यह शुबहा है कि मोदी साहेब सोनिया के सार्वजनिक नार्को टेस्ट का विरोध नहीं कर रहे है, वे कृपया ट्विटर पर उनसे पूछे कि, "क्या वे सोनिया के नार्को टेस्ट का समर्थन करते है" ? और मोदी साहेब जो भी जवाब देते है उसे यहाँ रखें। भागवत, स्वामी आदि के समर्थक भी उनसे यह प्रश्न करें और जवाब यहां रखे। यदि आपके पास अपने नेता से प्रश्न पूछने और आपके नेता के पास जवाब देने का समय नहीं है तो इस सम्बन्ध में कमेंट करके मेरा और आपका समय नष्ट न करें।

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