November 21, 2015 No.1
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153139868226922
लन्दन में पानी की खपत 200 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है।
.
अहमदाबाद में नगर परिषद आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति पानी की खपत 150 लीटर प्रति व्यक्ति है। यदि प्राइवेट बोरिंग से निकाले जा रहे पानी को भी शामिल किया जाए तो यह खपत प्रति व्यक्ति 200 लीटर प्रति व्यक्ति या उससे अधिक ठहरती है।
.
मतलब अहदाबाद और लन्दन में पानी की प्रति व्यक्ति खपत समान है। लेकिन लन्दन के लगभग सभी हिस्सों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति उपलब्ध है, जबकि अहमदाबाद में प्राइवेट बोरिंग को छोड़ दिया जाए तो सिर्फ 1-2 घंटे ही नल में पानी आता है।
.
ऐसा क्यों ???
.
बहुत ही सरल कारण है --- पानी के मीटर नहीं है !!!
.
अहमदाबाद में पानी के मीटर नहीं है !!! जबकि लन्दन में 1930 में ही लगभग सभी पानी के कनेक्शन पर मीटर लगवा दिए थे। और यही स्थिति विश्व के अन्य प्रबंधित शहरो जैसे कि न्यूयार्क, सिंगापुर आदि में है।
.
मीटर के अभाव में व्यक्ति अपने नल की टोंटी को खुला छोड़ देने के लिए प्रोत्साहित होता है। यदि 5% उपभोक्ता भी यदि टोंटी बंद नहीं करते तो 95% उपभोक्ताओ को जल की कमी हो जाती है।
.
दूसरे शब्दों में पानी बचाने के लिए नैतिक मूल्य और भासण वगेरह अप्रभावी उपाय है। हमें पानी के मीटरों की जरुरत है।
.
समाधान यह है कि ---- नागरिक अपने विधायक/पार्षद को एसएमएस द्वारा आदेश भेजे कि सभी पानी के कनेक्शनों में मीटर लगाए जाएँ। और यदि वे ऐसा नहीं करते है तो नागरिको को चाहिए कि वे राईट टू रिकॉल कॉर्पोरेटर, राईट टू रिकॉल विधायक, और राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के क़ानून का उपयोग करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दें। इसलिए नागरिको को राईट टू रिकॉल क़ानून प्रक्रियाओ को गैजेट में प्रकाशित करने के लिए भी अपने प्रतिनिधियों को एसएमएस द्वारा आदेश भेजने चाहिए।
.
किसी कल्कि नुमा अवतार को कुर्सी पर अभिषिक्त कर देना या महात्मा गांधी के किसी नए अवतार की पूँछ पकड़ कर लटके रहने से किसी समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। कार्यकर्ताओ को चाहिए कि वे नागरिको को अपने प्रतिनिधियों को आवश्यक कानूनो को लागू करने के लिए वांछित आदेश एसएमएस द्वारा भेजने के लिए प्रेरित करें।
.
RRG
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153139868226922
लन्दन में पानी की खपत 200 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है।
.
अहमदाबाद में नगर परिषद आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति पानी की खपत 150 लीटर प्रति व्यक्ति है। यदि प्राइवेट बोरिंग से निकाले जा रहे पानी को भी शामिल किया जाए तो यह खपत प्रति व्यक्ति 200 लीटर प्रति व्यक्ति या उससे अधिक ठहरती है।
.
मतलब अहदाबाद और लन्दन में पानी की प्रति व्यक्ति खपत समान है। लेकिन लन्दन के लगभग सभी हिस्सों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति उपलब्ध है, जबकि अहमदाबाद में प्राइवेट बोरिंग को छोड़ दिया जाए तो सिर्फ 1-2 घंटे ही नल में पानी आता है।
.
ऐसा क्यों ???
.
बहुत ही सरल कारण है --- पानी के मीटर नहीं है !!!
.
अहमदाबाद में पानी के मीटर नहीं है !!! जबकि लन्दन में 1930 में ही लगभग सभी पानी के कनेक्शन पर मीटर लगवा दिए थे। और यही स्थिति विश्व के अन्य प्रबंधित शहरो जैसे कि न्यूयार्क, सिंगापुर आदि में है।
.
मीटर के अभाव में व्यक्ति अपने नल की टोंटी को खुला छोड़ देने के लिए प्रोत्साहित होता है। यदि 5% उपभोक्ता भी यदि टोंटी बंद नहीं करते तो 95% उपभोक्ताओ को जल की कमी हो जाती है।
.
दूसरे शब्दों में पानी बचाने के लिए नैतिक मूल्य और भासण वगेरह अप्रभावी उपाय है। हमें पानी के मीटरों की जरुरत है।
.
समाधान यह है कि ---- नागरिक अपने विधायक/पार्षद को एसएमएस द्वारा आदेश भेजे कि सभी पानी के कनेक्शनों में मीटर लगाए जाएँ। और यदि वे ऐसा नहीं करते है तो नागरिको को चाहिए कि वे राईट टू रिकॉल कॉर्पोरेटर, राईट टू रिकॉल विधायक, और राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के क़ानून का उपयोग करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दें। इसलिए नागरिको को राईट टू रिकॉल क़ानून प्रक्रियाओ को गैजेट में प्रकाशित करने के लिए भी अपने प्रतिनिधियों को एसएमएस द्वारा आदेश भेजने चाहिए।
.
किसी कल्कि नुमा अवतार को कुर्सी पर अभिषिक्त कर देना या महात्मा गांधी के किसी नए अवतार की पूँछ पकड़ कर लटके रहने से किसी समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। कार्यकर्ताओ को चाहिए कि वे नागरिको को अपने प्रतिनिधियों को आवश्यक कानूनो को लागू करने के लिए वांछित आदेश एसएमएस द्वारा भेजने के लिए प्रेरित करें।
.
RRG
No comments:
Post a Comment