December 23, 2015 No.4
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153193130596922
निर्भया के मुख्य आरोपी जिसे नाबालिग बताया जा रहा है, की अपराध के समय उम्र 17 वर्ष और कुछ माह थी। उसकी वास्तविक उम्र को लेकर संदेह बना हुआ था और यह माना जा रहा था कि वह 18 वर्ष पूरे कर चुका है। किन्तु उसकी जन्म तारीख को सुनिश्चित करने के लिए मार्क शीट को आधार बनाया गया, क्योंकि मौजूदा क़ानून इसी प्रकार से है। बोन-टेस्ट करके उसकी वास्तविक आयु का निर्धारिण किया जा सकता था। लेकिन मोदी साहेब ने साफ़ इंकार कर दिया कि जुवेनाइल का बॉन टेस्ट किसी भी सूरत में नहीं लिया जाएगा। अत: उन्होंने आयु निर्धारण के लिए बोन-टेस्ट के क़ानून को पास करने से मना कर दिया।
.
सोनिया और केजरीवाल ने भी इस मामले में मोदी साहेब का समर्थन किया कि 'अशरफ अली' (छद्म नाम ) का बोन-टेस्ट किसी भी सूरत में नहीं किया जाना चाहिए। मोदी-सोनिया और केजरीवाल को यह शंका थी कि बोन-टेस्ट में यदि अशरफ वयस्क पाया गया तो उस पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा चल जाएगा और उसे निश्चित रूप से फांसी होगी। इससे किसी सम्प्रदाय विशेष में गलत सन्देश जायेगा और वोटो की हानि होगी।
.
http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/18280306.cms
.
अशरफ की माँ ने बताया कि "उन्हें बच्चे के जन्म की तिथि ठीक से याद नहीं है। वे उसे जब ये कुछ वर्षो का हो गया तो मैंने इसे स्कूल में भर्ती करवा दिया था। मास्टर द्वारा उम्र पूछे जाने पर मैंने अपने अंदाजे से उसकी उम्र 5 वर्ष बता दी थी"
.
ऐसी हालत में उसकी उम्र का पता लगाने के लिए बोन-टेस्ट आवश्यक था, किन्तु सोनिया-मोदी और केजरीवाल मिली भगत करके आरोपी के बोन-टेस्ट से इंकार कर दिया। हमेशा की तरह सोनिया-मोदी और केजरीवाल के अंध-भक्तो ने भी अपने कुटिल नेताओ का इस मुद्दे पर समर्थन किया और अशरफ के बोन-टेस्ट का विरोध किया।
.
मोदी साहेब बोन-टेस्ट के क़ानून को लागू करने से इसलिए भी मना कर रहे है, क्योंकि इस क़ानून के आने से जहां 'अशरफ अली' को फांसी हो जायेगी वहीँ संत आसाराम बापू को बेल मिल जाएगी। क्योंकि आसाराम जी पर आरोप लगाने वाली लड़की को अब तक नाबालिग 'माना' जा रहा है। जबकि इस बालिका की अदालत में दो अंक तालिकाएं पेश की गयी है, जिसमे में एक के अनुसार वह बालिग़ है और दूसरी अंक तालिका के अनुसार नाबालिग।
.
यहां तक कि मोदी साहेब ने सोनिया-केजरीवाल की सहमति से जुवेनाइल एक्ट के नए क़ानून में भी बोन-टेस्ट के प्रावधान जोड़ने से साफ़ इंकार कर दिया है, तथा इनके अंध भक्त उनके इस फैसले का भी समर्थन कर रहे है।
.
मोदी साहेब बोन-टेस्ट के क़ानून को लागू करने से इसलिए भी मना कर रहे है, क्योंकि इस क़ानून के आने से जहां 'अशरफ अली' को फांसी हो जायेगी वहीँ संत आसाराम बापू को बेल मिल जाएगी। क्योंकि आसाराम जी पर आरोप लगाने वाली लड़की को अब तक नाबालिग 'माना' जा रहा है। जबकि इस बालिका की अदालत में दो अंक तालिकाएं पेश की गयी है, जिसमे में एक के अनुसार वह बालिग़ है और दूसरी अंक तालिका के अनुसार नाबालिग।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153193130596922
निर्भया के मुख्य आरोपी जिसे नाबालिग बताया जा रहा है, की अपराध के समय उम्र 17 वर्ष और कुछ माह थी। उसकी वास्तविक उम्र को लेकर संदेह बना हुआ था और यह माना जा रहा था कि वह 18 वर्ष पूरे कर चुका है। किन्तु उसकी जन्म तारीख को सुनिश्चित करने के लिए मार्क शीट को आधार बनाया गया, क्योंकि मौजूदा क़ानून इसी प्रकार से है। बोन-टेस्ट करके उसकी वास्तविक आयु का निर्धारिण किया जा सकता था। लेकिन मोदी साहेब ने साफ़ इंकार कर दिया कि जुवेनाइल का बॉन टेस्ट किसी भी सूरत में नहीं लिया जाएगा। अत: उन्होंने आयु निर्धारण के लिए बोन-टेस्ट के क़ानून को पास करने से मना कर दिया।
.
सोनिया और केजरीवाल ने भी इस मामले में मोदी साहेब का समर्थन किया कि 'अशरफ अली' (छद्म नाम ) का बोन-टेस्ट किसी भी सूरत में नहीं किया जाना चाहिए। मोदी-सोनिया और केजरीवाल को यह शंका थी कि बोन-टेस्ट में यदि अशरफ वयस्क पाया गया तो उस पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा चल जाएगा और उसे निश्चित रूप से फांसी होगी। इससे किसी सम्प्रदाय विशेष में गलत सन्देश जायेगा और वोटो की हानि होगी।
.
http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/18280306.cms
.
अशरफ की माँ ने बताया कि "उन्हें बच्चे के जन्म की तिथि ठीक से याद नहीं है। वे उसे जब ये कुछ वर्षो का हो गया तो मैंने इसे स्कूल में भर्ती करवा दिया था। मास्टर द्वारा उम्र पूछे जाने पर मैंने अपने अंदाजे से उसकी उम्र 5 वर्ष बता दी थी"
.
ऐसी हालत में उसकी उम्र का पता लगाने के लिए बोन-टेस्ट आवश्यक था, किन्तु सोनिया-मोदी और केजरीवाल मिली भगत करके आरोपी के बोन-टेस्ट से इंकार कर दिया। हमेशा की तरह सोनिया-मोदी और केजरीवाल के अंध-भक्तो ने भी अपने कुटिल नेताओ का इस मुद्दे पर समर्थन किया और अशरफ के बोन-टेस्ट का विरोध किया।
.
मोदी साहेब बोन-टेस्ट के क़ानून को लागू करने से इसलिए भी मना कर रहे है, क्योंकि इस क़ानून के आने से जहां 'अशरफ अली' को फांसी हो जायेगी वहीँ संत आसाराम बापू को बेल मिल जाएगी। क्योंकि आसाराम जी पर आरोप लगाने वाली लड़की को अब तक नाबालिग 'माना' जा रहा है। जबकि इस बालिका की अदालत में दो अंक तालिकाएं पेश की गयी है, जिसमे में एक के अनुसार वह बालिग़ है और दूसरी अंक तालिका के अनुसार नाबालिग।
.
यहां तक कि मोदी साहेब ने सोनिया-केजरीवाल की सहमति से जुवेनाइल एक्ट के नए क़ानून में भी बोन-टेस्ट के प्रावधान जोड़ने से साफ़ इंकार कर दिया है, तथा इनके अंध भक्त उनके इस फैसले का भी समर्थन कर रहे है।
.
मोदी साहेब बोन-टेस्ट के क़ानून को लागू करने से इसलिए भी मना कर रहे है, क्योंकि इस क़ानून के आने से जहां 'अशरफ अली' को फांसी हो जायेगी वहीँ संत आसाराम बापू को बेल मिल जाएगी। क्योंकि आसाराम जी पर आरोप लगाने वाली लड़की को अब तक नाबालिग 'माना' जा रहा है। जबकि इस बालिका की अदालत में दो अंक तालिकाएं पेश की गयी है, जिसमे में एक के अनुसार वह बालिग़ है और दूसरी अंक तालिका के अनुसार नाबालिग।
No comments:
Post a Comment