Thursday, December 31, 2015

कार्यकर्ता आन्दोलन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है- क्या आपमें से कोई व्यक्ति निम्नलिखित चार प्रकार की निर्देश पुस्तिकाएं = प्रक्रिया पुस्तिकाएं (PROCEDURE MANUALS) तैयार कर सकते हैं? (31-Dec-2015) No.3

December 31, 2015 No.3

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कार्यकर्ता आन्दोलन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है- क्या आपमें से कोई व्यक्ति निम्नलिखित चार प्रकार की निर्देश पुस्तिकाएं = प्रक्रिया पुस्तिकाएं (PROCEDURE MANUALS) तैयार कर सकते हैं?
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(अ) 85 करोड़ मतदाताओं हेतु निर्देश पुस्तिका
(ब) 10 लाख कनिष्ठ कार्यकर्ताओं हेतु निर्देश पुस्तिका
(स) 5000 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं हेतु निर्देश पुस्तिका
(द) 500 वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं हेतु निर्देश पुस्तिका
(निर्देश= प्रक्रिया)
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उपर्युक्त प्रकार की निर्देश पुस्तिकाओं में आप उन कदमों का स्पष्ट उल्लेख करें जो आपके अनुसार मतदाताओं/ कार्यकर्ताओं को अपनाने चाहिए. आप यह भी स्पष्ट करें कि यदि मतदाता/ कार्यकर्ता आपके द्वारा बताये गए कदमों के अनुसार कार्य करेंगे तो यह उनके कौन से उद्देश्य प्राप्ति में सहायक होगा और किस प्रकार.
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निर्देश पुस्तिकाएं = प्रक्रिया पुस्तिकाएं इस प्रकार से लिखी हुई होनी चाहिए कि यदि उन्हें कुछ हजार कार्यकर्ताओं को दे दिया जाये तो उनमे वर्णित परिवर्तन वे स्वयं अपने प्रयास से ला सकें इसके लिए आपके द्वारा किसी प्रकार के नियंत्रण की आवश्यकता न पड़े. दूसरे शब्दों में कहें तो, इन पुस्तिकाओं को लिखने और उनकी उनकी कुछ हजार प्रतियाँ कार्यकर्ताओं के बीच वितरित करने के बाद ही आपकी भूमिका समाप्त हो जाये. 
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पुस्तिकाओं को लिखते समय निम्नलिखित समस्याओं को ध्यान में रखना होगा-
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१. मतदाता निर्देश पुस्तिका की 85 करोड़, कनिष्ठ कार्यकर्ता निर्देश पुस्तिका की 10 लाख, तथा वरिष्ठ कार्यकर्ता निर्देश पुस्तिका की 5000 प्रतियाँ छपवाने और वितरित करने का खर्च आप कैसे जुटाएंगे? बहुत संख्या में प्रतियाँ बर्बाद भी होंगी अतः ऊपर दी गयी अनुमानित संख्या से कहीं अधिक प्रतियाँ छपवानी और वितरित करनी पड़ेगी. जैसे हो सकता है आपको 320 करोड़ मतदाता निर्देश पुस्तिकाएँ और 50 लाख कनिष्ठ कार्यकर्ता निर्देश पुस्तिकाएँ छपवाने की आवश्यकता पड़ जाये. अतः यह भी महत्वपूर्ण है कि आपके द्वारा लिखित पुस्तिका में ऐसे कौन से निर्देश शामिल हैं जिनके आधार पर अधिकतम प्रतियों के प्रकाशन और वितरण हेतु फंड की व्यवस्था हो पायेगी? ऐसी कौन सी व्याख्याएं और स्पष्टीकरण आपने दिए हैं जिनके चलते कार्यकर्ता उक्त पुस्तिका के वितरण और प्रचार हेतु फंड जुटाना जरूरी समझें? कृपया ध्यान रहे कि आरम्भ में आप प्रत्येक पुस्तिका की केवल कुछ हजार प्रतियाँ ही छपवाकर वितरित कर पाएंगे, चूँकि आपके पास इस कार्य के लिए करोड़ों रूपये नही हैं. 
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२. उक्त पुस्तिकाओं में आपने ऐसे कौन से निर्देश शामिल किये हैं जिनके चलते करोड़ों मतदाता और कार्यकर्ता उन्हें पढने में रुचि लेंगे? 
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३. मतदाता और कार्यकर्ता आपके द्वारा दी गयी प्रक्रिया के निर्देशों के अनुसार कार्य केवल तभी करेंगे यदि ऐसा करना उन्हें उनकी इच्छा, मर्जी और रुचि के अनुसार किसी लक्ष्य पूर्ती में सहायक लगे, तथा इसके लिए जितना प्रयास और त्याग वे कर सकते हैं और करना चाहते हैं आपके द्वारा दिए गए निर्देश उस सीमा के भीतर ही हों. आपने जो निर्देश दिए हैं उनसे जो अपेक्षित परिवर्तन उत्पन्न होने वाले हैं, यदि मतदाता या कार्यकर्ता उन परिवर्तनों के ही खिलाफ हैं (जैसे- यदि निर्देश पुस्तिका में आपने “अपने सांसद को एसएमएस भेजकर वेल्थ टैक्स कानून ड्राफ्ट प्रकाशित करने की मांग” करने के लिए आवश्यक कदम बताये हैं, और यदि मतदाता या कार्यकर्ता वेल्थ टैक्स के विरूद्ध है) तो वह आपके द्वारा बताये गये कदमों के अनुसार कार्य नही करेगा और न ही उस पुस्तिका को दूसरों तक पहुंचाएगा.
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४. यदि पुस्तिका में दिए गये निर्देश कार्यकर्ता/ मतदाता के पसंद के विषय पर लक्ष्य प्राप्ति में सहायक नही हैं तो पूरी संभावना है कि वे इसका पालन करने अथवा प्रचार करने में रुचि नही लेंगे. जैसे- एक कार्यकर्ता गौरक्षा के उद्देश्य हेतु समर्पित है और आपके द्वारा लिखित पुस्तिका में गरीबी कम करने, सैन्य शक्ति बढाने आदि अन्य उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति सम्बन्धी प्रक्रियाएं और निर्देश दिए गये हैं. किन्तु चूँकि आपने गौरक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निर्देश नही लिखे हैं, इसलिए वह कार्यकर्ता आपकी पुस्तिका के निर्देश के अनुसार कार्य नही करेगा और न ही उसका प्रचार करेगा.
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५. पुस्तिका में लिखे गये निर्देश और कदम इतने स्पष्ट हों कि विभिन्न भारतीय भाषाओँ में उनका अनुवाद संभव हो सके.
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अतः क्या आप उपर्युक्त कसौटियों पर खरा उतर सके ऐसे चार निर्देश पुस्तिकाएं लिख सकते हैं? ताकि उनमे से प्रत्येक की कुछ हजार प्रतियाँ वितरित कर देने के बाद लोगों की एक श्रृंखला बन जाये जो आगे इसके लिए काम करते जाएँ और उस श्रृंखला को उनके आगे आने वाले बढ़ाते जाये, ताकि भारत की उन्नति के लिए आवश्यक परिवर्तन लाया जाना संभव हो सके.
--- Rahul Chimanbhai Mehta Rrg

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