Wednesday, December 23, 2015

'जयपुर और अहमदाबाद एयरपोर्ट सिंगापुर की कंपनी के हवाले कर दो', ऐसा आदेश मोदी साहेब ने नागरिक एवं उड्डयन मंत्रालय को दिया है !!! (20-Dec-2015) No.3

December 20, 2015 No.3

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153186058401922

'जयपुर और अहमदाबाद एयरपोर्ट सिंगापुर की कंपनी के हवाले कर दो', ऐसा आदेश मोदी साहेब ने नागरिक एवं उड्डयन मंत्रालय को दिया है !!! इन हवाई अड्डो को संचालित करने का एकाधिकार अब सिंगापुर की कंपनी के पास रहेगा तथा एकाधिकार के कारण वे मोटा मुनाफा कमाएंगे। मोदी साहेब ने यह भी वादा किया है कि जितना भी मुनाफा ये कंपनी कमाएगी भारत सरकार उसके बदले इन्हे डॉलर में भुगतान करेगी। मतलब अब हवाई अड्डो के रोजमर्रा के संचालन लिए भी हमें डॉलर चुकाने होंगे !! इस लिंक को देखें :
http://www.firstpost.com/…/aai-hands-over-ahmedabad-and-jai…
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इतना ही नहीं मोदी साहेब ने मेट्रो कंपनियों को पटरियां भी विदेश से मंगवाने का आदेश दिया है !! मोदी साहेब के कहने पर 'चैन्नई मेट्रो' रेल की पटरियां भी ब्राजील से आयात रही है !!! चैन्नई मेट्रो कई उपकरण टाटा से खरीद रही है, लेकिन टाटा के भारतीय प्लांट से नहीं बल्कि इंग्लैंड के प्लांट से !! मतलब इंग्लैंड में रोजगार बढ़ाने के लिए डॉलर हम चुका रहे है। लोहे की पटरियों पर भी। यह लिंक देंखे :
https://en.wikipedia.org/wiki/Chennai_Metro#Tracks
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यह खबर कहती है कि चैन्नई मेट्रो लोहे की पटरियां ब्राजील से आयात कर रहा है और अन्य उपकरण टाटा के इंग्लैंड के प्लांट से मंगवाए जा रहे है। रुपया तो सरकार ही छापती है, लेकिन डॉलर ही देश की कमाई है। और रेल की पटरियों, हवाई अड्डो को चलाने तक पर हम मुफ्त में वह डॉलर गवां रहे है जो हम कर्जा लेकर जुटाते है !! मालूम हो कि मोदी साहेब के सत्ता संभालने के बाद से भारत का निर्यात 45% तक गिर गया है। मतलब डॉलर की कमाई में आधी रह गयी है।
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और बुलेट ट्रेन के तो नट बोल्ट तक या तो जापान से आयात किये जाएंगे या जापानी कम्पनियाँ उन्हें भारत में बनाएगी। आयातित पुर्जो के बदले हमें डॉलर चुकाने होंगे और जापान बुलेट ट्रेन चलाकर जितना प्रॉफिट कमायेगा उसके बदले भी हम डॉलर चुकाएंगे वो अलग से।
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मोदी साहेब कपडे भारत के पहनते है, बोली भी भारतीय बोलते है लेकिन शेष सभी उन्हें विदेशी ही पसंद है। असल में विदेश पसंद नीतियों के मामले में वे मनमोहन और जवाहर लाल ग़ाजी से भी 4 कदम आगे है। लेकिन विदेशियों को खुश करने के चक्कर में देश पर डॉलर का कर्ज डालते जाना हर लिहाज से भारत को नुकसान देने वाला कर्म है।
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किस क़ानून की सहायता से हम एफडीआई पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते है ?
१. सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिको के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809743912477180
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किन कानूनो से हम भारत की स्वदेशी इकाइयों को इतना कार्यकुशल बना सकते है कि भारत स्वदेशी तकनीक में आत्मनिर्भर हो जाए ?
२. ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617
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३. पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
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कृपया इन क़ानून ड्राफ्ट्स को गैजेट में प्रकाशित करने का आदेश अपने सांसद को भेजे तथा इन कानूनो की जानकारी अधिक से अधिक नागरिको तक पहुंचाए। 

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