Sunday, January 3, 2016

अदनान सामी पिछले 10 सालो से कांग्रेस के मंत्रियों को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए पैसा खिला रहे थे (2-Jan-2016) No.1

January 02, 2016 No.1

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153212941281922

अदनान सामी पिछले 10 सालो से कांग्रेस के मंत्रियों को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए पैसा खिला रहे थे, और इस घूस में सबसे बड़ा हिस्सा सोनिया घांढी को मिला था, लेकिन बीजेपी द्वारा विरोध करने के कारण कांग्रेस को सामी की नागरिकता की अर्जी को 2012 में खारिज करना पड़ा। अब मोदी भक्तो का कहना है कि कांग्रेस के मंत्रीयों और घांढी ने तब इस मामले में कोई पैसा नहीं खाया था !!

और राजनाथ पाकिस्तान और भारत दोनों के गृह मंत्रालय चला रहे है। उनका कहना है कि भले ही पाकिस्तान से अपनी जान बचाकर भारत में शरण लेने वाले हिन्दुओ को भारत की नागरिकता न मिले, लेकिन पाकिस्तान के मुस्लिमो को भारत की नागरिकता देने में विलम्ब नही होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राजनाथ ने सामी के अलावा एक अन्य मुस्लिम पाकिस्तानी महिला को भारत की नागरिकता देने का आदेश जारी किया है, सामी की तरह ही इन मोहतरमा की नागरिकता का मामला भी पिछले 2 दशक से लंबित था।

http://www.dawn.com/news/1229850 
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संघ के स्वयंसेवको का कहना है कि यह अखंड भारत की स्थापना करने के लिए मोदी सरकार द्वारा अपनायी गयी कूटनीतिक पहल है। इस रणनीति के तहत हम धीरे धीरे पाकिस्तान और बांग्लादेशियों के मुस्लिमो को बड़ी संख्या में नागरिकता दी जायेगी। इससे दोनों देशो के बीच सम्बन्धो में सुधार होगा तथा आत्मीयता पनपेगी। 

भारत के नागरिक होने के कारण अब अदनान सामी, जिनके पिता पाकिस्तान के राजनयिक और पाकिस्तान की सेना में अधिकारी रह चुके है, भारत में जमीन खरीद सकते है, अपनी खुद की कंपनी खड़ी करके करोड़ो रूपये कमा सकते है, राजनैतिक पार्टीयों को अनुदान दे सकते है, और पद्म श्री की दावेदारी भी कर सकते है। 

पाकिस्तानियों को थोक में नागरिकताएं बांटने के अलावा राजनाथ ने 2 करोड़ बांग्लादेशी घुसपेठियो को देश से खदेड़ने का क़ानून पास करने से भी मना कर दिया है, अत: राजनाथ के रवैये के कारण मोदी सरकार के शासन काल में घुसपैठ में और भी इजाफा हुआ है।

हमारा प्रस्ताव है कि भारत को पाकिस्तान से सभी प्रकार के व्यापारिक, पर्यटन, सांस्कृतिक सम्बन्ध तोड़ लेने चाहिए। सिर्फ राजनयिक सम्बन्ध जारी रखे जा सकते है, लेकिन ऐसी वार्ताएं सिर्फ दिल्ली में ही आयोजित की जाए। 

यदि सोनिया या केजरीवाल ने अदनान सामी को भारत की स्थायी नागरिकता दे दी होती तो मोदी साहेब के अंधभक्तो ने भारत में नरक का दरवाजा खोल दिया होता। लेकिन चूंकि सामी को नागरिकता देने के लिए मोदी साहेब ने विशेष तौर पर आदेश जारी किया है, अत: मोदी-भगत उनके इस फैसले का समर्थन कर रहे है !! 

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