January 04, 2016 No.2
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153216106201922
मोदी साहेब ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया था कि, अदनान सामी को नागरिकता दिए जाने की प्रक्रिया गुप्त रखी जानी चाहिए !!
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क्योंकि यदि यह खबर लीक हो जाती तो राष्ट्रवादी और सामान्य नागरिक और यहां तक कि मोदी के कट्टर अंध भगत भी इस फैसले का जोरदार विरोध कर सकते थे।
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यह हरकत पीठ में छुरा घोंपने की तरह है। मोदी साहेब चाहते तो कम से कम एक हफ्ते पहले भारत के नागरिको को यह जानकारी उपलब्ध करवा सकते थे कि 'अदनान सामी को भारतीय नागरिकता एक सप्ताह के भीतर दे दी जायेगी' !! इस परिस्थिति में हम जैसे छोटे दिमाग वाले राष्ट्रवादी अपने सांसदों को आदेश भेज कर अदनान सामी को भारत की नागरिकता नहीं दिए जाने के लिए आदेश भेज सकते थे और ज्यादा से ज्यादा नागरिको को ऐसे आदेश भेजने के लिए प्रेरित कर सकते थे। लेकिन मोदी साहेब राष्ट्वादियों को विरोध प्रकट करने का ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहते थे जिससे उन्हें जान दबाव में अपना फैसला पलटना पड़े।
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दुर्भाग्य से संघ के सभी अंध सेवक और मोदी साहेब के अंध भगत इस सूचना को दबाये जाने के फैसले का समर्थन कर रहे है !! उनका कहना है की 'यह मोदी साहेब की रणनीति का हिस्सा था कि चुपचाप सामी को नागरिकता देकर राष्ट्रवादियों को सरप्राइज़ दिया जाए' !!!
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मुझे शंका है कि , मोदी साहेब अब सामी को पद्म श्री से नवाजने की योजना पर काम कर रहे है, और संघ और मोदी साहेब के अंध भगत खुले आम उनकी इस हरकत का समर्थन कर रहे है। दुःख का विषय है कि चूंकि अदनान सामी अब भारत के प्रतिष्ठित नागरिक है, अत: मैं तकनिकी तौर पर उन्हें पद्म श्री दिए जाने का विरोध भी नहीं कर सकता। मैं सामी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग करना पसंद करता लेकिन अब जब कि उन्हें नागरिकता दी जा सकी है, मेरे पास उनकी नागरिकता रद्द करवाने का कोई विकल्प नहीं बचा है।अब उनकी नागरिकता और संगीत प्रतिभा को देखते हुए वे पद्म श्री धारण करने की अर्हता रखते है।
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सामी को नागरिकता देने के कारण मोदी, भागवत और उनके अंध भगतो सच्चे अर्थो में लानत पाने के हक़दार है।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153216106201922
मोदी साहेब ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया था कि, अदनान सामी को नागरिकता दिए जाने की प्रक्रिया गुप्त रखी जानी चाहिए !!
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क्योंकि यदि यह खबर लीक हो जाती तो राष्ट्रवादी और सामान्य नागरिक और यहां तक कि मोदी के कट्टर अंध भगत भी इस फैसले का जोरदार विरोध कर सकते थे।
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यह हरकत पीठ में छुरा घोंपने की तरह है। मोदी साहेब चाहते तो कम से कम एक हफ्ते पहले भारत के नागरिको को यह जानकारी उपलब्ध करवा सकते थे कि 'अदनान सामी को भारतीय नागरिकता एक सप्ताह के भीतर दे दी जायेगी' !! इस परिस्थिति में हम जैसे छोटे दिमाग वाले राष्ट्रवादी अपने सांसदों को आदेश भेज कर अदनान सामी को भारत की नागरिकता नहीं दिए जाने के लिए आदेश भेज सकते थे और ज्यादा से ज्यादा नागरिको को ऐसे आदेश भेजने के लिए प्रेरित कर सकते थे। लेकिन मोदी साहेब राष्ट्वादियों को विरोध प्रकट करने का ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहते थे जिससे उन्हें जान दबाव में अपना फैसला पलटना पड़े।
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दुर्भाग्य से संघ के सभी अंध सेवक और मोदी साहेब के अंध भगत इस सूचना को दबाये जाने के फैसले का समर्थन कर रहे है !! उनका कहना है की 'यह मोदी साहेब की रणनीति का हिस्सा था कि चुपचाप सामी को नागरिकता देकर राष्ट्रवादियों को सरप्राइज़ दिया जाए' !!!
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मुझे शंका है कि , मोदी साहेब अब सामी को पद्म श्री से नवाजने की योजना पर काम कर रहे है, और संघ और मोदी साहेब के अंध भगत खुले आम उनकी इस हरकत का समर्थन कर रहे है। दुःख का विषय है कि चूंकि अदनान सामी अब भारत के प्रतिष्ठित नागरिक है, अत: मैं तकनिकी तौर पर उन्हें पद्म श्री दिए जाने का विरोध भी नहीं कर सकता। मैं सामी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग करना पसंद करता लेकिन अब जब कि उन्हें नागरिकता दी जा सकी है, मेरे पास उनकी नागरिकता रद्द करवाने का कोई विकल्प नहीं बचा है।अब उनकी नागरिकता और संगीत प्रतिभा को देखते हुए वे पद्म श्री धारण करने की अर्हता रखते है।
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सामी को नागरिकता देने के कारण मोदी, भागवत और उनके अंध भगतो सच्चे अर्थो में लानत पाने के हक़दार है।
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