Saturday, January 16, 2016

पतंगबाजी पक्षियों को जख्मी कर रही है ---- समाधान के लिए मांझे में कांच के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए, न कि पतंगबाजी पर। (15-Jan-2016) No.11

January 15, 2016 No.11

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153234304096922

पतंगबाजी पक्षियों को जख्मी कर रही है ---- समाधान के लिए मांझे में कांच के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए, न कि पतंगबाजी पर। 

पतंगों को उड़ाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले मांझे में कांच का इस्तेमाल बंद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि जैसे जैसे शहरी आबादी में घनत्व बढ़ेगा इस मांझे से मनुष्यो के चोटिल होने की भी संभावना बढ़ती जायेगी। 

परत चढाने के लिए कांच की जगह मोम का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

कई प्रबुद्ध कार्यकर्ता यह आवाज उठा रहे है कि चूंकि पतंगबाजी से पक्षियों को चोट पहुंच रही है अत: पतंगबाजी पर प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए। पहली बात तो यह कि पतंगबाजी से चोटिल होने वाले पक्षियों की संख्या बेहद कम है। इससे कहीं ज्यादा पक्षी कीटनाशक खाकर मर रहे है। कीट और पतंगे कीटनाशको का भक्षण करते है और पक्षी इन कीटो को खाकर मर जाते है। 

दूसरी बात यह कि पक्षियों के मरने का कारण पतंग या मांझा नहीं बल्कि उस मांझे पर चढ़ी कांच की परत है। अत: पतंग और मांझे को हटाने की जगह कांच को हटाया जाना चाहिए। 

अलबत्ता, मैं मांझे पर कांच के बुरादे के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने की वकालत इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि मुझे इससे दोपहिया वाहन चालको और पदयात्रियों के जख्मी होने की चिंता है। 

इसलिए, कृपया अपने सांसद को एसएमएस द्वारा आदेश भेजे कि मांझे में कांच के प्रयोग को प्रतिबंधित किया जाए। 

वरना दीपावली पर फटाको से प्रदुषण और बैलो के जख्मी होने के नाम पर सरकार/कोर्ट पतंगबाजी पर भी प्रतिबन्ध लगाने पर विचार करने लगेगी।

No comments:

Post a Comment