January 14, 2016 No.1
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153233576451922
स्वराज अभियान --- टाइम वेस्ट करने का एक और टोटका
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भारत के नागरिको और कार्यकर्ताओ का समय बर्बाद करने के लिए फोर्ड फाउंडेशन ने एक और टाइम वेस्ट अभियान शुरू किया है। इस बार अभियान का नेतृत्व योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण (योया & भूषण) करेंगे।
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इस तथ्य के मद्देनजर कि, चूंकि अब अरविन्द घांडी खुद मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल चुके है अत: वे भ्रष्टाचार पर ज्यादा कोहराम नही मचा पाएंगे, फोर्ड फाउंडेशन ने योया और भूषण को आम पार्टी से अलग होकर स्वराज अभियान के नाम से एक नया टटुन्दर शुरू करने को कहा है, ताकि भारत के नागरिको और कार्यकर्ताओ के पास समय बर्बाद करने के विकल्पों का अभाव नही रहे।
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स्वराज अभियान के झोले में भी वही सब भारी भरकम विचार है, जिन्हे अरविन्द घांडी 2011 से 2015 के बीच अपने झोले में लिए घूमते थे। लेकिन अरविन्द घांडी की तरह नए स्वराजियो ने भी अपने विचारो को मूर्त रूप देने के लिए आवश्यक रूप-रेखा के कानूनी ड्राफ्ट देने से साफ़ इंकार कर दिया है !!! क्योंकि यदि उन्होंने भारत के नागरिको के सामने अपने ड्राफ्ट प्रस्तुत कर दिए तो कार्यकर्ता यह जान जाएंगे की योया और भूषण भी अरविन्द घांडी के ही अवतार है।
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ज़ाहिर है प्रायोजकों के चलते स्वराजियों को पैसे की कोई कमी नही रहने वाली है। भूषण खुद जनहित याचिकाओं के धंधे के बड़े कारोबारी है और जजो से अपने गठजोड़ों के चलते वे इस धंधे से करोड़ो रूपया कमा चुके है। इसके अलावा वे सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जो कार्यकर्ताओ के समय और ऊर्जा को फिजूल की गतिविधियों में खपाए रखना चाहते है इस अभियान सहर्ष चंदे देंगे।
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कृपया स्वराज अभियान के कार्यालयी कार्यकर्ताओ और गोइन्दो से मिले और उनसे उन कानूनो के ड्राफ्ट देने को कहे, जिन कानूनो को वे सत्ता में आने के बाद लागू करना चाहेंगे। और आप उन्हें यह कहते हुए देखेंगे कि -- रूको, अभी थोड़ा और रूको, देखते जाओ आगे क्या होता है, अभी तो शुरू ही किया है, हम ड्राफ्ट बाद में देंगे आदि आदि। और उनके इस 'बाद में' का मतलब होता है-- 'अगले जन्म में'। इस जन्म में उनका लक्ष्य सिर्फ टाइम पास करना ही है।
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स्वराज अभियान --- टाइम वेस्ट करने का एक और टोटका
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भारत के नागरिको और कार्यकर्ताओ का समय बर्बाद करने के लिए फोर्ड फाउंडेशन ने एक और टाइम वेस्ट अभियान शुरू किया है। इस बार अभियान का नेतृत्व योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण (योया & भूषण) करेंगे।
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इस तथ्य के मद्देनजर कि, चूंकि अब अरविन्द घांडी खुद मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल चुके है अत: वे भ्रष्टाचार पर ज्यादा कोहराम नही मचा पाएंगे, फोर्ड फाउंडेशन ने योया और भूषण को आम पार्टी से अलग होकर स्वराज अभियान के नाम से एक नया टटुन्दर शुरू करने को कहा है, ताकि भारत के नागरिको और कार्यकर्ताओ के पास समय बर्बाद करने के विकल्पों का अभाव नही रहे।
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स्वराज अभियान के झोले में भी वही सब भारी भरकम विचार है, जिन्हे अरविन्द घांडी 2011 से 2015 के बीच अपने झोले में लिए घूमते थे। लेकिन अरविन्द घांडी की तरह नए स्वराजियो ने भी अपने विचारो को मूर्त रूप देने के लिए आवश्यक रूप-रेखा के कानूनी ड्राफ्ट देने से साफ़ इंकार कर दिया है !!! क्योंकि यदि उन्होंने भारत के नागरिको के सामने अपने ड्राफ्ट प्रस्तुत कर दिए तो कार्यकर्ता यह जान जाएंगे की योया और भूषण भी अरविन्द घांडी के ही अवतार है।
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ज़ाहिर है प्रायोजकों के चलते स्वराजियों को पैसे की कोई कमी नही रहने वाली है। भूषण खुद जनहित याचिकाओं के धंधे के बड़े कारोबारी है और जजो से अपने गठजोड़ों के चलते वे इस धंधे से करोड़ो रूपया कमा चुके है। इसके अलावा वे सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जो कार्यकर्ताओ के समय और ऊर्जा को फिजूल की गतिविधियों में खपाए रखना चाहते है इस अभियान सहर्ष चंदे देंगे।
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कृपया स्वराज अभियान के कार्यालयी कार्यकर्ताओ और गोइन्दो से मिले और उनसे उन कानूनो के ड्राफ्ट देने को कहे, जिन कानूनो को वे सत्ता में आने के बाद लागू करना चाहेंगे। और आप उन्हें यह कहते हुए देखेंगे कि -- रूको, अभी थोड़ा और रूको, देखते जाओ आगे क्या होता है, अभी तो शुरू ही किया है, हम ड्राफ्ट बाद में देंगे आदि आदि। और उनके इस 'बाद में' का मतलब होता है-- 'अगले जन्म में'। इस जन्म में उनका लक्ष्य सिर्फ टाइम पास करना ही है।
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