March 28, 2016 No.4
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153385019811922
सोने पर 1% उत्पाद शुल्क लागू करने का समर्थन करने वाले मोदी साहेब के अंध भगतो से हम यह पूछना चाहते है कि --- मोदी साहेब ने अपने मई-2014 के चुनावी घोषणा पत्र में यह बात क्यों नही लिखी कि वे चुनाव जीतने के बाद स्वर्ण उद्योग पर उत्पाद शुल्क लाद देंगे ?
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असल में उत्पाद शुल्क लगाने के पीछे मोदी साहेब कि मंशा कर उगाहना नही है --- क्योंकि सोने की घड़ाई में ज्यादा मुनाफा कमाने के अवसर नही है। उत्पाद शुल्क लगाने के पीछे नीयत छोटे व्यापारियों का कारोबार ख़त्म करके बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाना है। यह कर लगाने से एक्साइज विभाग को सर्राफा कारोबारियों का उत्पीडन करने का अवसर मिलेगा और वे बाजार से बाहर हो जायेंगे। फलस्वरूप प्रतिस्पर्धा के अभाव में बड़ी कम्पनियों को लाभ होगा।
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मोदी साहेब के अंध भगत लगातार सोशल मिडिया पर इस भ्रम को फैलाने का काम कर रहे है कि 1% एक्साइज ड्यूटी लगाने से अर्थव्यवस्था को ये फायदा होगा वो फायदा होगा आदि आदि, इसीलिए मोदी साहेब ने एक्साइज ड्यूटी लगाकर कमाल कर दिया है !!
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ठीक है। लेकिन अगर यह इतना ही कमाल का आइडिया है तो मोदी साहेब को अपने मेनिफेस्टो में इस बात को प्रमुखता के साथ छापना चाहिए था कि यदि वे सत्ता में आये तो सर्राफो और भारतीय अर्थव्यवस्था को उत्पाद शुल्क का उपहार जरुर देंगे। हालांकि यह बात अलग है कि उन्होंने 2013 में ही ट्विट करके कोंग्रेस द्वारा लगाए गए इसी उत्पाद शुल्क का विरोध किया था।
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जब कोंग्रेस ने यह कर लगाया तो अर्थव्यवस्था के लिए यह निम्बोली था पर चूंकि अब यह कर मोदी साहेब ने लगाया है इसीलिए हलवा हो गया है !!!
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तब मोदी साहेब ने इसका विरोध किया क्योंकि उन्हें ज्वेलर्स के वोट लेने थे और अब उन्होंने अपना फैसला पलट दिया क्योंकि उन्हें पता है कि जो लोग उन्हें वोट दे चुके है, 5 वर्ष से पहले वे अपना वोट फिर से लौटा नही सकते। वोट वापिस लेने का अधिकार राईट टू रिकॉल है। जब तक भारत में राईट टू रिकॉल क़ानून प्रक्रियाएं लागू नही होती नेता भारत कि जनता के साथ यह धोखाधड़ी करते रहेंगे।
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‘पार्टी विद अ डिफ़रेंस’ !!
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सोने पर 1% उत्पाद शुल्क लागू करने का समर्थन करने वाले मोदी साहेब के अंध भगतो से हम यह पूछना चाहते है कि --- मोदी साहेब ने अपने मई-2014 के चुनावी घोषणा पत्र में यह बात क्यों नही लिखी कि वे चुनाव जीतने के बाद स्वर्ण उद्योग पर उत्पाद शुल्क लाद देंगे ?
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असल में उत्पाद शुल्क लगाने के पीछे मोदी साहेब कि मंशा कर उगाहना नही है --- क्योंकि सोने की घड़ाई में ज्यादा मुनाफा कमाने के अवसर नही है। उत्पाद शुल्क लगाने के पीछे नीयत छोटे व्यापारियों का कारोबार ख़त्म करके बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाना है। यह कर लगाने से एक्साइज विभाग को सर्राफा कारोबारियों का उत्पीडन करने का अवसर मिलेगा और वे बाजार से बाहर हो जायेंगे। फलस्वरूप प्रतिस्पर्धा के अभाव में बड़ी कम्पनियों को लाभ होगा।
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मोदी साहेब के अंध भगत लगातार सोशल मिडिया पर इस भ्रम को फैलाने का काम कर रहे है कि 1% एक्साइज ड्यूटी लगाने से अर्थव्यवस्था को ये फायदा होगा वो फायदा होगा आदि आदि, इसीलिए मोदी साहेब ने एक्साइज ड्यूटी लगाकर कमाल कर दिया है !!
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ठीक है। लेकिन अगर यह इतना ही कमाल का आइडिया है तो मोदी साहेब को अपने मेनिफेस्टो में इस बात को प्रमुखता के साथ छापना चाहिए था कि यदि वे सत्ता में आये तो सर्राफो और भारतीय अर्थव्यवस्था को उत्पाद शुल्क का उपहार जरुर देंगे। हालांकि यह बात अलग है कि उन्होंने 2013 में ही ट्विट करके कोंग्रेस द्वारा लगाए गए इसी उत्पाद शुल्क का विरोध किया था।
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जब कोंग्रेस ने यह कर लगाया तो अर्थव्यवस्था के लिए यह निम्बोली था पर चूंकि अब यह कर मोदी साहेब ने लगाया है इसीलिए हलवा हो गया है !!!
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तब मोदी साहेब ने इसका विरोध किया क्योंकि उन्हें ज्वेलर्स के वोट लेने थे और अब उन्होंने अपना फैसला पलट दिया क्योंकि उन्हें पता है कि जो लोग उन्हें वोट दे चुके है, 5 वर्ष से पहले वे अपना वोट फिर से लौटा नही सकते। वोट वापिस लेने का अधिकार राईट टू रिकॉल है। जब तक भारत में राईट टू रिकॉल क़ानून प्रक्रियाएं लागू नही होती नेता भारत कि जनता के साथ यह धोखाधड़ी करते रहेंगे।
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‘पार्टी विद अ डिफ़रेंस’ !!
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