March 20, 2016 No.2
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153360860886922
सोनिया घांडी के कार्यकाल में भारत 26/11 में हारा लेकिन क्रिकेट में जीता। अब मोदी साहेब के कार्यकाल में भी हम पठानकोट के हमले का बदला क्रिकेट के मैदान में ले रहे है। अंतर यह आया है कि, तब मोदी साहेब के भक्त दुःखी थे, लेकिन अब मोदी साहेब साहेब के अंध भगत भी बेहद खुश नजर आ रहे है।
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सैनिक गवां कर नौटंकी का जश्न मनाया जा रहा है। पठानकोट हमले में शहीद हुए हमारे सैनिको को श्रद्धांजलि देने का मोदी साहेब और उनके भक्तो का यह अपना तरीका है।
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मैं तथा राईट टू रिकॉल ग्रुप के ज्यादातर अन्य कार्यकर्ता पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का विरोध करते है। हमें पाकिस्तान से के साथ सिर्फ विश्व कप जैसे आयोजन में ही खेलना चाहिए। तथा विश्व कप में भी भारत सरकार यह सुनिश्चित करे कि पाकिस्तान और भारत अलग समूहों में रहे, ताकि हमें पाकिस्तान से सिर्फ फाइनल में ही खेलना पड़े।
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यह मैच पाकिस्तान की तरफ से भारत के मुँह पर तमाचा है। जो यह कह रहा है कि, 'देखो, हम पठानकोट और कश्मीर में तुम्हारे सैनिको को मारकर भी तुम्हारे साथ सौहार्द पूर्ण ढंग से क्रिकेट खेल सकते है, और भारत को भी इसे सामान्य तरीके से लेना होगा'।
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कांग्रेस-बीजेपी-आप , मोदी-सोनिया-केजरीवाल और इनके अंधभगत भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट समर्थन करते है। और ये तीनो ही क्रिकेट और मैच फिक्सिंग से भारी मुनाफ़ा कमाते है।
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मोदी साहेब, सोनिया और केजरीवाल का प्रत्येक अंध भगत भारत पाकिस्तान के क्रिकेट खेलने का समर्थन कर रहा है। संघ का प्रत्येक अंध सेवक और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का प्रत्येक कार्यकर्ता भी इस बात पर सहमत है कि, भले ही पाकिस्तान आतंकवादियों को भेजकर लगातार हमारे सैनिको की हत्या करता रहे, लेकिन पाकिस्तान के साथ क्रिकेट किसी भी हालत में बंद नही होना चाहिए।
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सिर्फ राईट टू रिकॉल ग्रुप ऐसा समूह है जो, पाकिस्तान के साथ पर्यटन, सांस्कृतिक और खेल सम्बन्धो को पूरी तरह से खत्म किये जाने के पक्ष में है।
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इसीलिए, यदि आप भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का विरोध करते है, तो कांग्रेस-बीजेपी-आप, सोनिया-मोदी-केजरीवाल और उनके अंधभग्तो के साथ अपना समय नष्ट न करे, बल्कि भारत में राईट टू रिकॉल, ज्यूरी सिस्टम, टीसीपी आदि कानूनो को लागू करवाने का प्रयास करे।
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सोनिया घांडी के कार्यकाल में भारत 26/11 में हारा लेकिन क्रिकेट में जीता। अब मोदी साहेब के कार्यकाल में भी हम पठानकोट के हमले का बदला क्रिकेट के मैदान में ले रहे है। अंतर यह आया है कि, तब मोदी साहेब के भक्त दुःखी थे, लेकिन अब मोदी साहेब साहेब के अंध भगत भी बेहद खुश नजर आ रहे है।
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सैनिक गवां कर नौटंकी का जश्न मनाया जा रहा है। पठानकोट हमले में शहीद हुए हमारे सैनिको को श्रद्धांजलि देने का मोदी साहेब और उनके भक्तो का यह अपना तरीका है।
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मैं तथा राईट टू रिकॉल ग्रुप के ज्यादातर अन्य कार्यकर्ता पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का विरोध करते है। हमें पाकिस्तान से के साथ सिर्फ विश्व कप जैसे आयोजन में ही खेलना चाहिए। तथा विश्व कप में भी भारत सरकार यह सुनिश्चित करे कि पाकिस्तान और भारत अलग समूहों में रहे, ताकि हमें पाकिस्तान से सिर्फ फाइनल में ही खेलना पड़े।
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यह मैच पाकिस्तान की तरफ से भारत के मुँह पर तमाचा है। जो यह कह रहा है कि, 'देखो, हम पठानकोट और कश्मीर में तुम्हारे सैनिको को मारकर भी तुम्हारे साथ सौहार्द पूर्ण ढंग से क्रिकेट खेल सकते है, और भारत को भी इसे सामान्य तरीके से लेना होगा'।
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कांग्रेस-बीजेपी-आप , मोदी-सोनिया-केजरीवाल और इनके अंधभगत भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट समर्थन करते है। और ये तीनो ही क्रिकेट और मैच फिक्सिंग से भारी मुनाफ़ा कमाते है।
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मोदी साहेब, सोनिया और केजरीवाल का प्रत्येक अंध भगत भारत पाकिस्तान के क्रिकेट खेलने का समर्थन कर रहा है। संघ का प्रत्येक अंध सेवक और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का प्रत्येक कार्यकर्ता भी इस बात पर सहमत है कि, भले ही पाकिस्तान आतंकवादियों को भेजकर लगातार हमारे सैनिको की हत्या करता रहे, लेकिन पाकिस्तान के साथ क्रिकेट किसी भी हालत में बंद नही होना चाहिए।
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सिर्फ राईट टू रिकॉल ग्रुप ऐसा समूह है जो, पाकिस्तान के साथ पर्यटन, सांस्कृतिक और खेल सम्बन्धो को पूरी तरह से खत्म किये जाने के पक्ष में है।
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इसीलिए, यदि आप भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का विरोध करते है, तो कांग्रेस-बीजेपी-आप, सोनिया-मोदी-केजरीवाल और उनके अंधभग्तो के साथ अपना समय नष्ट न करे, बल्कि भारत में राईट टू रिकॉल, ज्यूरी सिस्टम, टीसीपी आदि कानूनो को लागू करवाने का प्रयास करे।
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