March 13, 2016 No.4
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153345150366922
एक तरफ तो मोदी साहेब खुद को श्री श्री रविशंकर के समर्थक की तरह दिखाते है, और दूसरी तरफ वे श्री श्री रविशंकर का फिल्मों के माध्यम से मजाक उड़ाने वाले कट्टर हिन्दू-विरोधी व्यक्ति परेश ख़िलजी, उर्फ़ परेश जेवियर (*) उर्फ़ परेश रावल को प्रोत्साहन देते है !!
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तो मोदी साहेब किसकी तरफ है ? आप अनुमान लगाते रहिये ....
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पर क्योंकि परेश ख़िलजी के प्रोमोशन से मोदी साहेब को पूरा नही पड़ता, इसीलिए पूर्ती करने के लिए वे इसके अलावा भी अन्य हिन्दू विरोधी अभिनेताओं जैसे अक्षय कुमार, अनुपम खेर, अजय देवकरण आदि को प्रमोट करते रहते है।
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(*--- भारत में सबसे खूंखार मूर्ती भंजको की सूची में पहले दो स्थानो पर बख्तियार ख़िलजी और सेंट जेवियर का नाम सबसे पहले आता है। सेंट जेवियर ने अपने हाथों से मूर्तियां नही तोड़ी थी लेकिन उसने गोवा में हिन्दूओ के उन्मूलन और धर्मांतरण के लिए 'गुआनी इंक्विजेशन' नामक शुद्धि अभियान चलाया था। 300 या से उससे भी ज्यादा मंदिर तोड़े गए, लेकिन जला दिए जाने के कारण अब सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध नही है)
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परेश रावल भी हिन्दू धर्म के देवी-देवताओ की मूर्तियां तोड़ने में मानते है। इसीलिए ओह माय गॉड में इस तरह का दृश्य रखा गया जिसमें वे देव मूर्ती तोड़ते है। इसीलिए परेश रावल का नाम परेश ख़िलजी होना चाहिए, पर गलती से उन्हें परेश रावल के नाम से जाना जाता है।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153345150366922
एक तरफ तो मोदी साहेब खुद को श्री श्री रविशंकर के समर्थक की तरह दिखाते है, और दूसरी तरफ वे श्री श्री रविशंकर का फिल्मों के माध्यम से मजाक उड़ाने वाले कट्टर हिन्दू-विरोधी व्यक्ति परेश ख़िलजी, उर्फ़ परेश जेवियर (*) उर्फ़ परेश रावल को प्रोत्साहन देते है !!
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तो मोदी साहेब किसकी तरफ है ? आप अनुमान लगाते रहिये ....
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पर क्योंकि परेश ख़िलजी के प्रोमोशन से मोदी साहेब को पूरा नही पड़ता, इसीलिए पूर्ती करने के लिए वे इसके अलावा भी अन्य हिन्दू विरोधी अभिनेताओं जैसे अक्षय कुमार, अनुपम खेर, अजय देवकरण आदि को प्रमोट करते रहते है।
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(*--- भारत में सबसे खूंखार मूर्ती भंजको की सूची में पहले दो स्थानो पर बख्तियार ख़िलजी और सेंट जेवियर का नाम सबसे पहले आता है। सेंट जेवियर ने अपने हाथों से मूर्तियां नही तोड़ी थी लेकिन उसने गोवा में हिन्दूओ के उन्मूलन और धर्मांतरण के लिए 'गुआनी इंक्विजेशन' नामक शुद्धि अभियान चलाया था। 300 या से उससे भी ज्यादा मंदिर तोड़े गए, लेकिन जला दिए जाने के कारण अब सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध नही है)
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परेश रावल भी हिन्दू धर्म के देवी-देवताओ की मूर्तियां तोड़ने में मानते है। इसीलिए ओह माय गॉड में इस तरह का दृश्य रखा गया जिसमें वे देव मूर्ती तोड़ते है। इसीलिए परेश रावल का नाम परेश ख़िलजी होना चाहिए, पर गलती से उन्हें परेश रावल के नाम से जाना जाता है।
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