January 12, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152540107161922
दिल्ली में होने वाले आगामी चुनावों में हमारे पास एक ओर तो कांग्रेस/ भाजपा= सोनिया/ नमो का विकल्प है जो कि भ्रष्टाचार- समर्थक के रूप में जाने जाते हैं और साबित भी हो चुके हैं. दूसरी ओर हमारे पास एके/ आआपा का विकल्प है जो कि छद्म (नकली) भ्रष्टाचार- विरोधी हैं !! कृपया ध्यान दें--- एके/ आआपा भ्रष्टाचार के विरोध का सिर्फ नाटक करते हैं. और नाटक करने के सिवा भ्रष्टाचार के विरोध में सचमुच में इन्होने कुछ भी नही किया है.
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अपने 49 दिनों के शासन काल में इन्होने एक भी भ्रष्टाचार विरोधी कानून- ड्राफ्ट का प्रस्ताव नही रखा. लोकायुक्त भी कोई भ्रष्टाचार विरोधी कानून नही था बल्कि यह सिर्फ और सिर्फ अतिसमृद्ध वर्ग - समर्थक कानून (pro-super-elitemen law) था. इसके द्वारा super-elitemen को पूरी दिल्ली को नियंत्रण में रखने के लिए केवल 11 लोकायुक्तों को रिश्वत देनी पड़ेगी. एके/ आआपा ने इस लोकायुक्त कानून में राइट टू रिकॉल लोकायुक्त की धारा को शामिल किये जाने का विरोध किया जिसके द्वारा जनता को यह अधिकार मिल जाता कि यदि लोकायुक्त elitemen का एजेंट बन जाता तो जनता उसे हटा सकती थी.
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इस चुनाव में हमें मतदाताओं से यह अनुरोध करना चाहिए कि वे उन्ही उम्मीदवारों का समर्थन करें जो वास्तविक भ्रष्टाचार- विरोधी कानून ड्राफ्टो जैसे- RTR, JurySys, TCP, DDMRCAM आदि को लागू कराने हेतु कार्य कर रहे हैं. यदि सभी उम्मीदवार ऐसे ही हैं जो इन कानून- ड्राफ्टो का विरोध कर रहे हैं तो नोटा (NoTA) पर वोट करें. CoBhAp ने इन सभी कानून- ड्राफ्टो का विरोध किया है तथा बेकार के जनलोकपाल ड्राफ्ट को छोड़कर कोई भी अन्य कानून- ड्राफ्ट देने से मना किया है. अतः हमें मतदाताओं से यह अपील करनी चाहिए कि वे CoBhAp को वोट न दें.
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दिल्ली में होने वाले आगामी चुनावों में हमारे पास एक ओर तो कांग्रेस/ भाजपा= सोनिया/ नमो का विकल्प है जो कि भ्रष्टाचार- समर्थक के रूप में जाने जाते हैं और साबित भी हो चुके हैं. दूसरी ओर हमारे पास एके/ आआपा का विकल्प है जो कि छद्म (नकली) भ्रष्टाचार- विरोधी हैं !! कृपया ध्यान दें--- एके/ आआपा भ्रष्टाचार के विरोध का सिर्फ नाटक करते हैं. और नाटक करने के सिवा भ्रष्टाचार के विरोध में सचमुच में इन्होने कुछ भी नही किया है.
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अपने 49 दिनों के शासन काल में इन्होने एक भी भ्रष्टाचार विरोधी कानून- ड्राफ्ट का प्रस्ताव नही रखा. लोकायुक्त भी कोई भ्रष्टाचार विरोधी कानून नही था बल्कि यह सिर्फ और सिर्फ अतिसमृद्ध वर्ग - समर्थक कानून (pro-super-elitemen law) था. इसके द्वारा super-elitemen को पूरी दिल्ली को नियंत्रण में रखने के लिए केवल 11 लोकायुक्तों को रिश्वत देनी पड़ेगी. एके/ आआपा ने इस लोकायुक्त कानून में राइट टू रिकॉल लोकायुक्त की धारा को शामिल किये जाने का विरोध किया जिसके द्वारा जनता को यह अधिकार मिल जाता कि यदि लोकायुक्त elitemen का एजेंट बन जाता तो जनता उसे हटा सकती थी.
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इस चुनाव में हमें मतदाताओं से यह अनुरोध करना चाहिए कि वे उन्ही उम्मीदवारों का समर्थन करें जो वास्तविक भ्रष्टाचार- विरोधी कानून ड्राफ्टो जैसे- RTR, JurySys, TCP, DDMRCAM आदि को लागू कराने हेतु कार्य कर रहे हैं. यदि सभी उम्मीदवार ऐसे ही हैं जो इन कानून- ड्राफ्टो का विरोध कर रहे हैं तो नोटा (NoTA) पर वोट करें. CoBhAp ने इन सभी कानून- ड्राफ्टो का विरोध किया है तथा बेकार के जनलोकपाल ड्राफ्ट को छोड़कर कोई भी अन्य कानून- ड्राफ्ट देने से मना किया है. अतः हमें मतदाताओं से यह अपील करनी चाहिए कि वे CoBhAp को वोट न दें.
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