Thursday, May 21, 2015

समय आ गया है कि आईपीसी धारा- 295 को सख्ती से लागू किया जाये तथा इसके लिए जूरी ट्रायल का प्रयोग किया जाये (13-Jan-2015) No.2

January 13, 2015

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152541919571922

समय आ गया है कि आईपीसी धारा- 295 को सख्ती से लागू किया जाये तथा इसके लिए जूरी ट्रायल का प्रयोग किया जाये. अन्यथा हम पीके, ओ माई गॉड जैसी फ़िल्में और फ्रांस में बनाये गये कार्टून जैसी बकवास चीजें देखने के लिए मजबूर होते जायेंगे. सहनशीलता की भी एक हद होती है. मुझे नही लगता कि पीके, ओ माई गॉड जैसी फ़िल्मों में दिखाए गये बकवास को सभी हिन्दू झेल सकते हैं. 
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कानून को चाहिए कि वह हिंसा करने वाले व्यक्ति को कारावास/ फांसी की सजा दे. लेकिन यही कानून उन लोगों पर भी लागू होना चाहिए जो पीके, ओ माई गॉड जैसी फ़िल्में बनाकर ऐसी हिंसा को भड़का रहे हैं. 
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जूरी ही यह तय करे कि पीके, ओ माई गॉड जैसी फिल्मों के निर्माता को कारावास, जुर्माना आदि की सजा होनी चाहिए अथवा नही. बिकाऊ, भ्रष्ट तथा भाई भतीजावादी बुद्धिजीवी और जज इसका निर्णय उतनी निष्पक्षता से नही ले सकते.

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