October 5, 2015 No.3
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153069648396922
हमारे पास गरीबो को मुफ्त शिक्षा देने के दो रास्ते है ---- 1) राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी क़ानून को गैजेट में प्रकाशित किया जाए 2) हम मिशनरीज को भारत में स्कूल्स खोलने के लिए आमंत्रित करे।
.
फ्री-बेसिक्सडॉटकॉम का समर्थन करके सोनिया-मोदी और केजरीवाल नंबर 2) के रास्ते का ही अनुसरण कर रहे है।
.
भारत के सरकारी विद्यालय बदहाल हो चुके है, और हम राईट टू रिकॉल ग्रुप का मानना है की सरकारी विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए हमें १) राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी २) स्कूल के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम ३) प्रतियोगी परीक्षाओ को बढ़ावा देने के लिए 'सात्य प्रणाली' आदि कानूनो को गैजेट में प्रकाशित करना चाहिए।
.
अन्य 'आसान' उपाय यह है कि हम डिजिटल इण्डिया की तर्ज पर 'एजुकेट इण्डिया' नाम से एक भारी भरकम परियोजना का श्री-गणेश करे, और पूरे विश्व के ईसाई धर्म गुरुओ को भारत में विद्यालय खोलकर गरीबो को मुफ्त शिक्षा देने के लिए आमंत्रित करे !!! सोनिया-मोदी-केजरीवाल को यह आसान तरीका ज्यादा पसंद है।
.
हालांकि सोनिया-मोदी-केजरीवाल खुले आम मिशनरीज को भारत में स्कूल्स खोलने के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे है, किन्तु फ्री-बेसिक्सडॉटकॉम के झंडे तले जो कुछ भी किया जा रहा है, वह किसी भी प्रकार से इससे भिन्न नहीं है।
.
भारत में सभी नागरिको की पहुँच इंटरनेट तक सुलभ बनाने के लिए हम प्रस्ताव कर रहे है कि डीडीएमआरसीएम, ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल, वेल्थ टैक्स आदि कानूनो को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। इससे गरीबी कम होगी और वंचित वर्ग भी 2G, 3G आदि सुविधाओ का इस्तेमाल करने में सक्षम हो जाएगा। इसी के साथ हमारा प्रस्ताव है की राईट टू रिकॉल बीएसएनएल अध्यक्ष, बीएसएनएल के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल ट्राई अध्यक्ष ट्राई के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल दूरसंचार मंत्री तथा उसके स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम कानूनो को लागू किया जाए।
.
सोनिया-मोदी-केजरीवाल इन सभी कानूनो का विरोध कर रहे है। उन्हें आसान उपाय चाहिए ---- विदेशी कम्पनियो को बुलाओ और उन्हें भारत में मुफ्त इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए कहो !!! ठीक है, ऐसा ही होगा, लेकिन साथ ही विदेशी कम्पनियों की यह शर्त है कि ---- वे इंटरनेट की परास को परिमित करेंगे और यूजर्स सिर्फ उनकी ही वेबसाइटों को खोल सकेंगे, इससे विदेशी कम्पनियो का मुनाफ़ा तो बढ़ेगा ही, साथ ही उनका भारतीय राजनीति पर वह प्रभाव भी बढ़ेगा जिससे वे मतदाताओ को प्रभावित करके नेताओ को नियंत्रित कर सकेंगे। दुर्भाग्य है कि सोनिया-मोदी-केजरीवाल ने विदेशी कम्पनियो की इन सभी शर्तो को स्वीकृति दे दी है, जिनका हमारे देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
.
कुल मिलाकर सोनिया-मोदी-केजरीवाल का 'परिमित' इंटरनेट की अनुमति देना ठीक उसी तरह से है जिस तरह से मिशनरीज को भारत में आकर मुफ्त विद्यालय खोलने का निमंत्रण दिया जाए।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153069648396922
हमारे पास गरीबो को मुफ्त शिक्षा देने के दो रास्ते है ---- 1) राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी क़ानून को गैजेट में प्रकाशित किया जाए 2) हम मिशनरीज को भारत में स्कूल्स खोलने के लिए आमंत्रित करे।
.
फ्री-बेसिक्सडॉटकॉम का समर्थन करके सोनिया-मोदी और केजरीवाल नंबर 2) के रास्ते का ही अनुसरण कर रहे है।
.
भारत के सरकारी विद्यालय बदहाल हो चुके है, और हम राईट टू रिकॉल ग्रुप का मानना है की सरकारी विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए हमें १) राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी २) स्कूल के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम ३) प्रतियोगी परीक्षाओ को बढ़ावा देने के लिए 'सात्य प्रणाली' आदि कानूनो को गैजेट में प्रकाशित करना चाहिए।
.
अन्य 'आसान' उपाय यह है कि हम डिजिटल इण्डिया की तर्ज पर 'एजुकेट इण्डिया' नाम से एक भारी भरकम परियोजना का श्री-गणेश करे, और पूरे विश्व के ईसाई धर्म गुरुओ को भारत में विद्यालय खोलकर गरीबो को मुफ्त शिक्षा देने के लिए आमंत्रित करे !!! सोनिया-मोदी-केजरीवाल को यह आसान तरीका ज्यादा पसंद है।
.
हालांकि सोनिया-मोदी-केजरीवाल खुले आम मिशनरीज को भारत में स्कूल्स खोलने के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे है, किन्तु फ्री-बेसिक्सडॉटकॉम के झंडे तले जो कुछ भी किया जा रहा है, वह किसी भी प्रकार से इससे भिन्न नहीं है।
.
भारत में सभी नागरिको की पहुँच इंटरनेट तक सुलभ बनाने के लिए हम प्रस्ताव कर रहे है कि डीडीएमआरसीएम, ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल, वेल्थ टैक्स आदि कानूनो को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। इससे गरीबी कम होगी और वंचित वर्ग भी 2G, 3G आदि सुविधाओ का इस्तेमाल करने में सक्षम हो जाएगा। इसी के साथ हमारा प्रस्ताव है की राईट टू रिकॉल बीएसएनएल अध्यक्ष, बीएसएनएल के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल ट्राई अध्यक्ष ट्राई के स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम, राईट टू रिकॉल दूरसंचार मंत्री तथा उसके स्टाफ पर ज्यूरी सिस्टम कानूनो को लागू किया जाए।
.
सोनिया-मोदी-केजरीवाल इन सभी कानूनो का विरोध कर रहे है। उन्हें आसान उपाय चाहिए ---- विदेशी कम्पनियो को बुलाओ और उन्हें भारत में मुफ्त इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए कहो !!! ठीक है, ऐसा ही होगा, लेकिन साथ ही विदेशी कम्पनियों की यह शर्त है कि ---- वे इंटरनेट की परास को परिमित करेंगे और यूजर्स सिर्फ उनकी ही वेबसाइटों को खोल सकेंगे, इससे विदेशी कम्पनियो का मुनाफ़ा तो बढ़ेगा ही, साथ ही उनका भारतीय राजनीति पर वह प्रभाव भी बढ़ेगा जिससे वे मतदाताओ को प्रभावित करके नेताओ को नियंत्रित कर सकेंगे। दुर्भाग्य है कि सोनिया-मोदी-केजरीवाल ने विदेशी कम्पनियो की इन सभी शर्तो को स्वीकृति दे दी है, जिनका हमारे देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
.
कुल मिलाकर सोनिया-मोदी-केजरीवाल का 'परिमित' इंटरनेट की अनुमति देना ठीक उसी तरह से है जिस तरह से मिशनरीज को भारत में आकर मुफ्त विद्यालय खोलने का निमंत्रण दिया जाए।
No comments:
Post a Comment