Wednesday, October 14, 2015

खनिज रॉयल्टी सीधे नागरिको के खाते में भेजे जाने के लिए प्रस्तावित कानून (DDMRCM) का ड्राफ्ट (14-Oct-2015) No.2

October 14, 2015 No.2

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खनिज रॉयल्टी सीधे नागरिको के खाते में भेजे जाने के लिए प्रस्तावित कानून (DDMRCM) का ड्राफ्ट
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भारत के नागरिको, 

अगर आप चाहते है कि देश के खनिज संसाधनो से प्राप्त रॉयल्टी प्रत्येक नागरिक के खाते में भेजी जानी चाहिए, तो अपने सांसद को एस.एम.एस. द्वारा ये आदेश भेजे :

माननीय सांसद, मैं आपको आदेश करता हूँ कि, इस क़ानून को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। मतदाता संख्या : ###### 

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माननीय सांसद,

अगर आपको एस.एम.एस. के द्वारा ये यू.आर.एल मिला है तो इसे वोटर का आदेश माना जाये जिसने यह मैसेज भेजा है, न कि जिसने ये लेख लिखा है।

=============ड्राफ्ट का प्रारम्भ==========
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धारा संख्या #
[अधिकारी जिसके लिए निर्देश]
प्रक्रिया
सैक्शन 1 : राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उम्‍मीदवार के लिए नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति दर्ज करना
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1.1

नागरिक शब्‍द का मतलब/अर्थ रजिस्टर्ड वोटर/मतदाता है ।
सरकारी अधिसूचना(आदेश) तब प्रभावी माना जाएगा जब 37 करोड़ नागरिकों ने इसमें अपना `हाँ` दर्ज करवा दिया हो ।
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1.2
[प्रधानमंत्री के लिए निर्देश]
प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के किसी अधिकारी को नियुक्त करेंगे ।
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1.3
[जिला कलेक्टर]
यदि कोई नागरिक राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) बनाना चाहे, तो जिला कलेक्टर के सामने वह खुद जा सकता है या एफिडेविट प्रस्‍तुत कर सकता है | जिला कलेक्टर को आदेश दिया जाता है कि वह राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के पद के लिए उसकी उम्‍मीदवारी स्‍वीकार करे लेकिन इसके लिए वह सांसदों के चुनाव के लिए जमा होने वाली धनराशि के बराबर धनराशि शुल्‍क/फीस के रूप में ले। जिला कलेक्टर उसे एक सीरियल नम्‍बर जारी करेगा/देगा ।
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1.4
[जिला कलेक्टर]
जिला कलेक्टर इस काम को किसी क्‍लासवन अधिकारी को दे सकता है ।
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1.5
[तलाटी = पटवारी = लेखपाल (या उसका क्लर्क)]
कोई नागरिक तलाटी के दफ्तर स्‍वयं आकर और 3 रूपए की फीस देकर ज्‍यादा से ज्‍यादा पांच उम्‍मीदवार का अनुमोदन/स्वीकृति राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के पद के लिए कर सकता है। तलाटी उसके अनुमोदन/स्वीकृति को कम्‍प्‍युटर में दर्ज करेगा और उसे एक रसीद जारी करेगा/देगा जिसमें वोटर आई डी/मतदाता पहचान-पत्र संख्या, दिनांक/समय तथा जिसका स्वीकृति नागरिक ने किया है, उसके नाम का उल्‍लेख होगा ।
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1.6
[तलाटी]
तलाटी उस नागरिक की पसंदों को नागरिक के वोटर आई डी/मतदाता पहचान-पत्र संख्या और उसकी पसंद सहित मंत्रिमंडल सचिव द्वारा किए निर्णय के अनुसार, सरकारी वेबसाईट पर डाल देगा ।
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1.7
[तलाटी]
यदि कोई नागरिक अपनी पसंद रद्द करने के लिए आए तो तलाटी बिना कोई फीस लिए उसके एक या अधिक अनुमोदन/स्वीकृति को बदल सकता है ।
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1.8
[मंत्रिमंडल सचिव]
प्रत्येक सोमवार को मंत्रिमंडल सचिव नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति को प्रकाशित करेगा ।
सैक्शन 2: राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को बदलना
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2.1
[प्रधानमंत्री]
नागरिक शब्‍द का अर्थ भारत का रजिस्टर्ड वोटर/दर्ज मतदाता है ।
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2.2
यदि उम्मीदवार को सभी दर्ज मतदाताओं (सभी, न कि केवल उनका जिन्‍होंने अपना अनुमोदन/स्वीकृति फाइल किया है/जमा करवाया है) के 35 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं की स्वीकृति मिल जाती है और उस उम्मीदवार को वर्तमान राष्ट्रिय भूमि किराया अधिकारी से एक करोड़ अधिक स्वीकृति मिलती है, तब प्रधानमंत्री वर्तमान राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को निकाल सकता है और नागरिकों के द्वारा पसंद की गयी नए राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को नियुक्त कर सकता है ।
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2.3
यदि पद पर बैठा व्‍यक्‍ति नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति से आया है, और सबसे ज्‍यादा स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को मौजूदा पदधारी से 2 प्रतिशत अधिक स्वीकृति मिला हो, केवल तभी प्रधानमंत्री उसे सर्वाधिक स्वीकृति वाले व्‍यक्‍ति को उस पद पर नियुक्त कर सकता है ।
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2.4
यदि व्‍यक्‍ति को मिला अनुमोदन/स्वीकृति 24 प्रतिशत से कम है तो प्रधान मंत्री उसे अपने द्वारा नियुक्‍त किए जा रहे व्‍यक्‍ति को बदल सकते हैं या प्रधानमंत्री नहीं भी बदल सकते (ऐसा करने की जरूरत नहीं)। लेकिन जब तक अनुमोदन/स्वीकृति 24 प्रतिशत से अधिक है तब तक प्रधान मंत्री को उसे अपने द्वारा नियुक्‍त किए जा रहे व्‍यक्‍ति से बदलने की जरूरत नहीं । प्रधानमंत्री के विवेक से किया गया निर्णय अंतिम होगा ।
सैक्शन 3: भारत सरकार के अधीन प्‍लॉटों का स्‍वामित्‍व/मालिकाना हक
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3.1
[उच्चतम न्यालय के न्यायाधीश (सुप्रीम-कोर्ट के जज), हाई-कोर्ट के जज, प्रधानमंत्री और नागरिक]
भारत के नागरिकगण अब यह निर्णय और घोषणा करते हैं कि आई आई एम ए का प्‍लॉट, सभी आई आई एम के प्लॉट, और जे एन यू के प्‍लॉट भारत के सभी नागरिकों का संयुक्‍त/ज्‍वाइन्‍ट और बराबर मालिकाना हक की संपत्‍ति होगी। ये प्‍लॉट राज्‍य अथवा भारत राज्‍य अथवा भारत संघ अथवा किसी भी निजी/ सरकारी निकाय/व्‍यक्‍ति की नहीं होगी बल्‍कि ये प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्‍ति होगी । साथ ही, किसी भी निजी/प्राइवेट कम्‍पनी अथवा ट्रस्‍ट के मालिकाना हक के अधीन न आने वाला सभी यू जी सी वित्‍तपोषित/फंडेड विश्‍वविद्यालयों और कॉलेजों/ महाविद्यालयों के सभी प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्‍ति घोषित की जाती है। और केन्‍द्रीय सरकार और सरकारी निकायों के सभी प्लॉट भी एतद्द्वारा भारत के नागरिकोंकी संपत्‍ति घोषित की जाती है ।
प्रधानमंत्री और सभी उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधीशों सहित भारत के सभी न्यायाधीश और अधिकारियों से अब यह अनुरोध किया जाता है कि वे ऐसी किसी दलील को न सुनें/ न स्‍वीकार करें जो भारत के नागरिकों के इस निर्णय और फैसला का विरोध करती हो ।
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3.2
[सुप्रीम-कोर्ट के सभी जज, हाई-कोर्ट के सभी जज, प्रधानमंत्री और सभी नागरिक]
निम्‍नलिखित मंत्रालयों/विभागों के सभी प्लॉट राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के तहत आएंगे:
पर्यटन मंत्रालय
एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्‍स के मालिकाना हक वाले हवाईअड्डे और सभी भवन
सभी आई आई एम, यू जी सी के पैसे से चलने वाले सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय ( विज्ञान और इंजीनियरिंग पढ़ाने वाले को छोड़कर)
उपभोक्‍ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
सूचना और प्रसारण मंत्रालय
सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय
ग्रामीण विकास मंत्रालय
लघु उद्योग और कृषि व ग्रामीण उद्योग मंत्रालय
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
कपड़ा/वस्‍त्र मंत्रालय
पर्यटन और संस्‍कृति मंत्रालय
शहरी विकास और गरीबी उन्‍मूलन मंत्रालय
युवा मामले और खेल मंत्रालय
राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग
योजना आयोग
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राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) का उन भूमि-प्‍लॉटों पर कोई न्यायिक-अधिकार नहीं होगा जिसका मालिकाना हक निजी व्‍यक्‍तियों अथवा कम्‍पनियों अथवा ट्रस्‍टों के हाथ हो अथवा जिन भूमि-प्‍लॉटों का मालिकाना हक/स्‍वामित्‍व राज्‍य सरकार अथवा नगरों अथवा जिलों के पास हो । इसका उन प्लॉटों पर कोई मालिकाना हक नहीं होगा जिनका उपयोग/प्रयोग सेना, न्‍यायालय, कैदी, रेलवे, बस अड्डों, XII कक्षा तक के सरकारी स्‍कूलों और कर-वसूली अधिकारियों द्वारा किया जा रहा हो ।
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3.3
[प्रधानमंत्री और सारे अधिकारी]
सभी आई आई टी, एन आई टी और आई.आई.एस.सी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) के अन्‍तर्गत आएंगे और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) के निदेशक/डायरेक्‍टर इन कॉलेजों के मुख्‍य अधिकारी होंगे और वे इन कॉलेजों मे दैनिक कार्यकलाप सुचारू रूप से चलाने के लिए उप प्रमुखों की नियुक्‍ति करेंगे। विज्ञान और इंजिनियरिंग पढ़ाने वाले कॉलेज विज्ञान मंत्रालय के अधीन होंगे और ये राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के अधीन नहीं होंगे ।
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सैक्शन 4: भारत सरकार के स्‍वामित्‍व / मालिकी वाले प्‍लॉटों के किरायों की वसूली
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4.1
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
उपयोग में न आ रही जमीन के लिए, राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) जमीन को उपयुक्‍त प्लॉटों के आकार में इस तरह बांटेगा जिस तरह वह इसे किराया प्राप्‍ति के लिए सबसे ज्‍यादा लाभप्रद समझता है। राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) हरेक प्लॉट के लिए बोली लगवाएगा। नीलामी के लिए शर्तें इस प्रकार होंगी:-
लीज/पट्टा राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) द्वारा किए गए निर्णय के अनुसार 5, 10, 15, 20, 25 वर्षों के लिए होगा। यह लीज/पट्टा कभी भी 25 वर्ष से अधिक के लिए नहीं होगा ।
बोली लगाने वाले मासिक/ महीने का किराया के लिए बोली लगाएंगे और बोली लगाने की समय का अधिकतम लीज अवधि से कम होगा। इसलिए यह बोली (मासिक किराया, लीज के महीने ) के रूप में होगी। एक व्‍यक्‍ति कई बोली लगा सकेगा। लीज की अधिकतम समय-सीमा/अवधि 12 महीने होगी ।
बोली का वजन/प्रभाव = मासिक किराया / लॉग ( जितने महीने के लिए किया गया लीज) होगा अर्थात किराया जितना ज्‍यादा होगा वजन/प्रभाव उतना ज्‍यादा होगा और लीज जितना लम्‍बा होगा वजन/प्रभाव उतना कम होगा ।
बोली/निविदा खुली होगी ।
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राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) बोली के वजन के अनुसार प्‍लॉट देगा ।
राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) छह महीने का किराया जमा के रूप में लेगा ।
किराएदार किसी भी दिन जमीन खाली करने और किराए का भुगतान रोक देने के लिए स्‍वतंत्र होगा ।
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4.2
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
लीज/पट्टे के समय/अवधि के दौरान, राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) प्रत्‍येक तीन वर्ष किराये में बदलाव करेगा प्‍लॉट के चारो ओर के एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के जमीन के मूल्‍य/दाम में आने वाले प्रतिशत बदलाव के आधार पर और प्लॉट देने के दिन से और किराया दर में संशोधन किए जाने वाले दिन को ब्‍याज दर में आने वाले प्रतिशत बदलाव के आधार पर ।
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4.3
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
लीज का समय के बीत जाने के बाद राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) एक नई बोली लगवाएगा जिसमें पहले से ही लीज ले चुके लोगों को लाभ/वरीयता मिलेगी ।
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उसका वजन/प्रभाव 1.25 से 1.5 बढ़ जाएगा जो उन वर्षों पर निर्भर करेगा जिसके दौरान उसने भुगतान किया है।
नीलामी खत्‍म हो जाने के तीन महीने के भीतर वह अपनी बोली बढ़ा सकता है।
मौजूदा लीज-धारकों को नए लीज/पट्टा-धारक द्वारा भुगतान किए जा रहे 6 महीने के अग्रिम किराए का 20 से 50 प्रतिशत मिलेगा जो उसके द्वारा भूमि अपने पास रखने के महीनों पर निर्भर करेगा ।
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4.4
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
लेकिन यदि मौजूदा लीज –धारक बोली हार जाता है तो वह उस जमीन/प्लॉट के सामान बेच या हटा सकता है । लेकिन उसे जमीन खाली करना ही होगा ।
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4.5
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
यदि प्‍लॉट किसी ने लिया हुआ है और उसका उपयोग कर रहा है तो उसे (entity को), 25 प्रतिशत ज्‍यादा मिलेगा(25 प्रतिशत * लीज, महीनों में /300), अधिकतम 50 प्रतिशत, बोली लगाने में बोनस अर्थात उसकी बोली 1.25 से 1.5 गुना बढ़ जाएगा, लेकिन इससे ज्‍यादा नहीं ।
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4.6
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
यदि वर्तमान में प्‍लॉट किसी ने लिया हुआ है और उसका उपयोग कर रहा है तो राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उस प्लॉट के चारों ओर एक वर्ग किलोमीटर के प्‍लॉट का पिछले 3 वर्षों की बिक्री का मध्‍य विचलन/मीन मूल्‍य (बाजार मूल्‍य * मुख्‍य ब्‍याज दर/3) का हिसाब लगाकर प्‍लॉट की कीमत तय करेगे उसके अनुसार अगले 10 वर्षों के लिए वार्षिक किराया तय करेगा। किराए में हर तीन साल में बदलाव किया जाएगा। 10 वर्षों के बाद, इस धारा के खंड 1 से लेकर आगे उल्‍लिखित नियम लागू होंगे ।
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4.7
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) प्राप्‍त किराए का 34 प्रतिशत हिस्‍सा रक्षा मंत्रालय को देगा जो सेना को मजबूत बनाने, हथियार उपलब्‍ध कराने और सभी नागरिकों को हथियार चलाने की शिक्षा देन के काम के लिए होगा ।
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4.8
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) पिछले वर्ष राष्‍ट्रीय प्रति व्‍यक्‍ति दिए गए किराए के दुगने की अधिकतम सीमा की शर्त के साथ पिछले 10 वर्षों से उस राज्‍य में रह रहे नागरिकों को प्रत्‍येक महीने वसूले गए किराए का 33 प्रतिशत वितरित करेगा/ बांटेगा। राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) प्रति माह वसूला गया शेष किराया भारत के नागरिकों को भेजेगा ।
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4.9
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
इस कानून के पास हो जाने के एक साल के बाद किसी व्‍यक्‍ति को किराया इस प्रकार मिलेगा-
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यह किराया 33 प्रतिशत बढ़ जाएगा यदि उसका कोई बच्‍चा न हो ।
यह किराया 33 प्रतिशत कम हो जाएगा यदि उसे (दो बेटी, एक बेटा ) अथवा( एक बेटी, एक बेटा ) अथवा (दो बेटा) अथवा (तीन बेटी) से अधिक हो और इसमें से सबसे छोटा बच्‍चा कानून लागू होने के एक वर्ष के बाद पैदा हुआ हो ।
किराया 66 प्रतिशत घट जाएगा यदि उसे (तीन बेटी, एक बेटा) अथवा( दो बेटी, दो बेटा) अथवा( एक बेटी, दो बेटा) अथवा तीन बेटा अथवा चार बेटी से अधिक हो और इसमें से सबसे छोटा बच्‍चा कानून लागू होने के एक वर्ष के बाद पैदा हुआ हो ।
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4.10
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
60 वर्ष से उपर के पुरूषों और 55 वर्ष से उपर की महिलाओं को 33 प्रतिशत ज्‍यादा किराया मिलेगा और यह 75 साल से उपर के पुरूष एवं 70 साल से उपर की महिलाओं के लिए 66 प्रतिशत ज्‍यादा मिलेगा ।
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4.11
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
7 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए कोई किराया नहीं दिया जाएगा, 7 से 14 वर्ष के बीच की उम्र वालों के लिए सामान्‍य का चौथाई और 14 से 18 वर्ष के बीच के उम्रवालों के लिए सामान्‍य रूप से भुगतान किए गए किराए का दो तिहाई होगा ।
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सैक्शन 5: खनिज रॉयल्‍टी(आमदनी) का कलेक्‍शन/ जमा करना
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5.1
[सभी विभागों के सचिव]
विभागों के वे सभी सचिव जिनके पास खादानों अथवा कच्‍चे तेल के कुओं का प्रभार है या जो खादानों अथवा कच्‍चे तेल के कुओं से रॉयल्‍टी जमा कर रहे हैं, उन्हें एकत्र किए गए/ वसूल किया गया रॉयल्‍टी राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के पास भेजने का आदेश दिया जाता है ।
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5.2
[राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ)]
राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) रॉयल्‍टी को सेना, राज्‍य में रहने वाले नागरिकों, भारत के नागरिकों के बीच उसी अनुपात में वितरित करेगा जिस अनुपात में जमीन के किराए के वितरण से संबंधित अध्‍यादेश/सरकारी आदेश में जमीन किराया बांटने के संबंध में उल्‍लेख है ।
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सैक्शन 6: जनता की आवाज़
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6.1
[जिला कलेक्‍टर]
यदि कोई नागरिक इस कानून में कोई बदलाव चाहता है तो वह जिलाधिकारी/डी सी के कार्यालय में जाकर एक एफिडेविट जमा करा सकता है और डी सी या उसका क्लर्क उस एफिडेविट को 20 रूपए प्रति पेज का शुल्‍क लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर स्कैन करके डाल देगा ताकि सभी उस एफिडेविट को बिना लॉग-इन के देख सकें ।
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6.2
[तलाटी अर्थात पटवारी अर्थात लेखपाल (या उसका क्लर्क)]
यदि कोई नागरिक इस कानून या इसकी किसी धारा के विरूद्ध अपना विरोध दर्ज कराना चाहे अथवा वह ऊपर के धारा में प्रस्‍तुत किसी एफिडेविट पर हां – नहीं दर्ज कराना चाहे तो वह अपने वोटर आई कार्ड के साथ तलाटी के कार्यालय में आकर 3 रूपए का शुल्‍क देगा। तलाटी हां-नहीं दर्ज कर लेगा और उसे एक रसीद/पावती देगा। यह हां – नहीं प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाला जाएगा ।
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सेना और नागरिकों के लिए खनिज आमदनी का ड्राफ्ट समाप्त ===========
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