Monday, October 5, 2015

एक समय की बात है जब भारतीय राजाओ ने अपने तोपखाने को बेहतर बनाने के लिए अफगान/ईरानियो को आमंत्रित किया था (5-Oct-2015) No.4

October 5, 2015 No.4

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153069648121922

एक समय की बात है जब भारतीय राजाओ ने अपने तोपखाने को बेहतर बनाने के लिए अफगान/ईरानियो को आमंत्रित किया था। जैसा कि हम सब जानते है, चाल उलटी पड़ी और अफगान/ईरानी भारत के शासक बन गए। सोनिया-मोदी-केजरीवाल डिजिटल इण्डिया के नाम पर फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट आदि को बुलाकर वही चाल चल रहे है। 

लेकिन सोनिया-मोदी-केजरीवाल के अंधभगत आश्वस्त है कि बिलकुल वैसा ही करने के बावजूद मोदी साहेब 'अलग' नतीजे इसीलिए ले आएंगे, क्योंकि एक तो मोदी साहेब पुरातन काल के उन राजाओ से ज्यादा सयाने है और दूसरा जुकरबर्ग, नडेला आदि अफगान/ईरानियो से ज्यादा बेवकूफ है !!!

खेद है, मैं सहमत नहीं। 

FDI से सबसे बड़ी समस्या डॉलर का पुनर्भुगतान है। और हमें इस समस्या का तब भी सामना करना होगा जब फेसबुक डिजिटल इण्डिया या फ्रीबेसिक्स या इंटरनेटडॉटओआरजी को कार्यान्वित करेगा। फेसबुक इंटरनेटडॉटओआरजी से जो भी मुनाफा कमाने वाला है भारत सरकार को उन रुपयो के बदले डॉलर चुकाने होंगे !!! अब ये इत्ता सारा डॉलर भारत सरकार कहाँ से लाएगी ? ये सिर्फ सोनिया-मोदी-केजरीवाल के अंध भगत ही बता सकते है, अत: कृपया उन्ही से पूछे। 

कुल मिलाकर अमेरिका और चीन/ईरान के युद्ध में हमें अपनी सेना अमेरिका की और से लड़ने के लिए भेजनी पड़ेगी। 

समाधान - हथियारबंद नागरिक समाज की रचना। 

प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816?pnref=story

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