February 1, 2016 No.6
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153263756701922
बीजेपी-बीएसटी-संघ के कार्यकर्ता इस बात पर बल देते है कि , भारतीय संस्कृति एवं पारम्परिक पारिवारिक मूल्यों को बचाने के लिए इसे राजनैतिक मुद्दा बनाया जाना चाहिए, तब जाकर वे भारतीय मूल्यों को बचाने के लिए कार्य करेंगे। और अपने अगले कदम में प्रत्येक संघ का स्वंयसेवक और बीजेपी का समर्थक मोदी साहेब द्वारा प्रियंका चोपड़ा और अजय देवगन को पद्म पुरस्कार देने का अभिनन्दन करता है , लेकिन दूसरी तरफ राजीव भाई दीक्षित को यह पुरस्कार दिए जाने का विरोध करता है !!!
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यह मेरी समझ से बाहर है कि , प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार देने का समर्थन करके और राजीव भाई को यह पुरस्कार दिए जाने का विरोध करके संघ के स्वयंसेवक किस तरह भारतीय पारम्परिक मूल्यों की रक्षा कर रहे है ?
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जबकि हम राइट टू रिकॉल ग्रुप के कार्यकर्ता देश के नागरिको से आग्रह करते है कि हमें भारत की अदालतों को सुधारने , भ्रष्टाचार कम करने और मनोरंजन उद्योग में बढ़ती जा रही नग्नता को नियंत्रित करने के लिए राइट टू रिकॉल कानूनी प्रक्रियाओ की मांग करनी चाहिए। इससे मानवीय सम्बन्धो में सुधार आएगा और पारिवारिक मूल्य स्वत: ही बेहतर होंगे।
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बीएसटी/बीजेपी/संघ के कार्यकर्ता हम राइट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ को ऐसे कार्यकर्ता मानते है जिन्हें भारतीय नैतिक मूल्यों की चिंता नही है।
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लेकिन जब भारतीय मूल्यों को बचाने की उनकी बारी आती है तो पद्म पुरस्कार के लिए राजीव भाई का विरोध और प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन का समर्थन करके अपना असली रंग दिखा देते है।
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मेरा बिंदु यह है कि, संघ के कार्यकर्ता भारतीय मूल्यों को बचाने के नाम पर सिर्फ वोट इकठ्ठा करना चाहते है , ताकि बीजेपी को सत्ता में लाया जा सके। भारतीय मूल्यों की उन्हें कोई परवाह नहीं है। और यह इस बात से साबित होता है कि वे प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन को पद्म पुरस्कार देने का समर्थन करते है।
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इसलिए मेरा कहना यह है कि , यदि आप भारतीय मूल्यों की परवाह करते है तो भारत की अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को कम करने के लिए आवश्यक कानूनो को लागू करवाने पर कार्य करें।
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बीजेपी-बीएसटी-संघ के कार्यकर्ता इस बात पर बल देते है कि , भारतीय संस्कृति एवं पारम्परिक पारिवारिक मूल्यों को बचाने के लिए इसे राजनैतिक मुद्दा बनाया जाना चाहिए, तब जाकर वे भारतीय मूल्यों को बचाने के लिए कार्य करेंगे। और अपने अगले कदम में प्रत्येक संघ का स्वंयसेवक और बीजेपी का समर्थक मोदी साहेब द्वारा प्रियंका चोपड़ा और अजय देवगन को पद्म पुरस्कार देने का अभिनन्दन करता है , लेकिन दूसरी तरफ राजीव भाई दीक्षित को यह पुरस्कार दिए जाने का विरोध करता है !!!
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यह मेरी समझ से बाहर है कि , प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार देने का समर्थन करके और राजीव भाई को यह पुरस्कार दिए जाने का विरोध करके संघ के स्वयंसेवक किस तरह भारतीय पारम्परिक मूल्यों की रक्षा कर रहे है ?
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जबकि हम राइट टू रिकॉल ग्रुप के कार्यकर्ता देश के नागरिको से आग्रह करते है कि हमें भारत की अदालतों को सुधारने , भ्रष्टाचार कम करने और मनोरंजन उद्योग में बढ़ती जा रही नग्नता को नियंत्रित करने के लिए राइट टू रिकॉल कानूनी प्रक्रियाओ की मांग करनी चाहिए। इससे मानवीय सम्बन्धो में सुधार आएगा और पारिवारिक मूल्य स्वत: ही बेहतर होंगे।
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बीएसटी/बीजेपी/संघ के कार्यकर्ता हम राइट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ को ऐसे कार्यकर्ता मानते है जिन्हें भारतीय नैतिक मूल्यों की चिंता नही है।
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लेकिन जब भारतीय मूल्यों को बचाने की उनकी बारी आती है तो पद्म पुरस्कार के लिए राजीव भाई का विरोध और प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन का समर्थन करके अपना असली रंग दिखा देते है।
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मेरा बिंदु यह है कि, संघ के कार्यकर्ता भारतीय मूल्यों को बचाने के नाम पर सिर्फ वोट इकठ्ठा करना चाहते है , ताकि बीजेपी को सत्ता में लाया जा सके। भारतीय मूल्यों की उन्हें कोई परवाह नहीं है। और यह इस बात से साबित होता है कि वे प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन को पद्म पुरस्कार देने का समर्थन करते है।
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इसलिए मेरा कहना यह है कि , यदि आप भारतीय मूल्यों की परवाह करते है तो भारत की अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को कम करने के लिए आवश्यक कानूनो को लागू करवाने पर कार्य करें।
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