Tuesday, February 2, 2016

कुछ हिन्दूवादी कार्यकर्ताओ ने पादरी के साथ मारपीट की है (1-Feb-2016) No.7

February 1, 2016 No.7

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153263756256922

कुछ हिन्दूवादी कार्यकर्ताओ ने पादरी के साथ मारपीट की है। मेरे विचार में इन कार्यकर्ताओ को कम से कम 3 साल के लिए हवालात में भेज दिया जाना चाहिए। 
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ईसाई पादरियों के खिलाफ इस तरह की वारदाते करने का अंतिम परिणाम यह होगा कि मिशनरीज़ अमेरिका/यूरोप से और भी ज्यादा अनुदान प्राप्त कर सकेंगे, और यहां तक की अमेरिकी सरकार को भी भारत के खिलाफ सैन्य कार्यवाही के लिए राजी कर सकेंगे। 

धर्मांतरण का वास्तविक समाधान सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की दशा सुधारना है, ताकि मिशनरीज के लिए धर्मांतरण के अवसर सिकुड़ जाएँ। राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी और एवं राइट टू रिकॉल चिकित्सा अधिकारी कानूनो को लागू करवाकर भारत के सरकारी स्कूलों व अस्पतालों को चुस्त बनाया जा सकता है। 
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व्यक्ति का सिर मुंडा कर परेड करायी ---
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http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/50779688.cms?
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इस तरह के हिंसक हमले करके हिंदूवादी कार्यकर्ता भारत को एक गंभीर नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर रहे है। 
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ऐसी घटनाओ का हवाला देकर मिशनरीज यूरोपीय और अमेरिकी धनिकों से चंदे जुटा सकती है और अमेरिकी सरकार को भारत पर पाकिस्तान के माध्यम से सैन्य कार्यवाही करने के लिए तैयार कर सकती है। मिशनरीज की डॉलर और हथियारों की ताकत के सामने भारत कहीं नही टिकता अत: ऐसी घटनाएं दीर्घकालीन स्थिति में भारत के लिए समस्यांए पैदा करेगी। 

भारत में ईसाई मिशनरीज द्वारा किये जा रहे धर्मांतरण वास्तविक समस्या है ,लेकिन ऐसी घटनाएं सिर्फ स्थिति को और भी बदतर बनाएंगी। धर्मांतरण की समस्या से निपटने का व्यावहारिक समाधान यह है कि --- 

1. राईट टू रिकॉल जिला शिक्षा अधिकारी क़ानून को लागू करके शिक्षा का स्तर बेहतर बनाया जाए। 

2. सरकारी अस्पतालों का स्तर सुधारने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी पर राईट टू रिकॉल प्रक्रिया लागू की जाए। 

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