February 1, 2016 No.8
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153263755856922
मोदी साहेब द्वारा प्रियंका चोपड़ा आदि को पद्म पुरस्कार देने का आदेश देने के विरोध में
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(A) अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा आदि अयोग्य व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार देकर मोदी साहेब और पेड मिडिया ने कैसे परस्पर एक दूसरे को लाभ पहुंचाया ?
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(B) इससे आम नागरिको को किस तरह से भारी नुकसान हुआ ?
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(C) और क्यों संघ , कांग्रेस, बीजेपी , आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और सोनिया-मोदी-केजरीवाल देवगन व चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने का समर्थन कर रहे है ?
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कुछ 1 लाख के लगभग युवक युवतियां हर वर्ष मॉडलिंग/टीवी/फिल्म/मनोरंजन उद्योग में अपनी किस्मत आजमाने का प्रयास करते है। इनमे से ज्यादातर शुरूआती एक दो वर्षो में बेहद कम पैसो या लगभग मुफ्त में काम करते है। और इनमें से ज्यादातर ऊँचे तबको के 'जरायम पेशा' कारोबार का हिस्सा बनकर रह जाते है। और सिर्फ बहुत थोड़े से प्रतियोगी ही औसत आय जुटा पाने में सफल होते है।
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प्रियंका चोपड़ा जैसी तारिकाएं एक फिल्म के 1 से 5 करोड़ तक वसूलती है, लेकिन फिल्म/टीवी/मॉडलिंग आदि पेशे से जुड़ी हुयी अन्य औसत अभिनेत्रियां एक औसत इंजिनियर से कम, एक डॉक्टर से बेहद कम और यहां तक की किसी अन्य व्यवसाय में इतना ही समय काम करने वाली अन्य महिलाओं से बेहद कम पैसा कमाती है। यहां तक कि 50 वर्ष की आयु में एक नर्स भी 50 वर्षीय अभिनेत्री से ज्यादा पैसा कमाती है। मॉडल्स/मनोरंजन आदि में जरायम पेशा महिलाएं अच्छा पैसा बनाती है, लेकिन यह वक्ती तौर पर ही होता है। उम्र की ढलान के साथ उनकी आय घटती जाती है।
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मान लीजिये कि इन 1 लाख युवतियों से पूछा जाता है की --- 'क्या आप ढेर सा पैसा कमाने के लिए जरायम पेशा धंधो में उतरना चाहेंगी ? या क्या आप मॉडलिंग जैसे पेशे में काम करना चाहेंगी, जहां ज्यादातर संभावना है कि आपको अन्य क्षेत्रो से कम आय होगी और यह तय है कि कुछ वर्षो बाद आय शून्य हो जाए ? इन प्रश्नो को सुनकर लगभग 90% युवतियां इंकार करके वहाँ से चली जायेगी और अध्यापन, इंजीनियरिंग, नर्सिंग व्यापार या किसी अन्य कार्यालयी विभाग में काम करना पसंद करेंगी।
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इसीलिए इस पेशे में लड़कियों को खींचने के लिए कई प्रकार के प्रलोभनों की आवश्यकता है। और इसीलिए पेड मिडिया इन 1 लाख युवतियों को आकर्षित करने के लिए 100-200 सफल तारिकाओं के प्रचार पर करोडो रूपये खर्च करता है। इस तरह यह भ्रम खड़ा किया जाता है कि इस पेशे में आने वाली युवतियों के लिए सफलता और पैसा कमाने के अपार अवसर है। नतीजे में ज्यादातर युवतियां कम मेहनताने के बावजूद इस पेशे में गिरती है और उनमे से ज्यादातर जरायम पेशा सेवा प्रदाता बनकर रह जाती है।
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इस सब गणित का पद्म पुरस्कारों से क्या सम्बन्ध है ?
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पद्म पुरस्कार सम्मान और ग्लैमर में इजाफा करता है। इससे ज्यादा से ज्यादा युवक-युवतियों को इस पेशे में संघर्ष करने का वाजिब कारण नजर आता है, अत: वे इस पेशे को सम्मानीय समझ कर इसे कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित होते है।
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दूसरे शब्दों में अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार देने का फैसला करके मोदी साहेब ने मनोरंजन जगत के उन निर्माताओ और निवेशकों को नवाजा है जिन्हे इस पेशे में सस्ती दरों पर युवक-युवतियों की आवश्यकता है।
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और मोदी साहेब को इससे क्या लाभ होगा ? मोदी साहेब को वे इसके बदले में अच्छा खासा सकारात्मक प्रचार और कवरेज देंगे। पेड मिडिया उन मुद्दो को जोर से उठाएगा जिनमे मोदी साहेब की छवि सकारात्मक छवि उभर कर आये और उन मुद्दो को दबा देगा जिससे मोदी साहेब की सार्वजनिक छवि को धक्का पहुँचता हो।
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तो इस पूरे प्रकरण से नुकसान किसे हुआ ?
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जिन लाखों युवतियों को इस सम्बन्ध में जानकारी नहीं है, उन्हें इससे नुकसान होगा। और नुकसान इनके अभिभावकों को भी होगा। अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने से ज्यादा युवक-युवतियां अपने अकादमिक कैरियर को दरकिनार करके मनोरंजन जगत में प्रवेश करेंगे। और उनमे से ज्यादातर कम मेहनताने पर कार्य करेंगे या कुत्सित व्यापार की शरण लेंगे।
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और अंत में, सोनिया और केजरीवाल देवगन व चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने के मोदी साहेब के फैसले का समर्थन क्यों कर रहे है ? क्योंकि इसकी एवज में पेड मिडिया और उनके प्रायोजक उन्हें भी सकारात्मक कवरेज देंगे।
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और क्यों संघ , कांग्रेस, बीजेपी , आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मोदी साहेब के इस फैसले का समर्थन कर रहे है ? और मोदी-सोनिया-केजरीवाल के अंध भगत भी प्रियंका चोपड़ा को पुरस्कार देने का समर्थन क्यों कर रहे है ? क्योंकि इनके दिमाग में सबसे पहले इनके नेताओ का ही ख़याल आता है। शेष भारत चाहे तो इनकी तरफ से भाड़ में जा सकता है। इन्हें कोई समस्या नहीं है।
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अब तक सिर्फ हम राइट टू रिकॉल के कार्यकर्ताओ ने ही प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन को पद्म पुरस्कार दिए जाने का विरोध किया है।
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समाधान ?
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ऐसे पुरस्कारो पर निर्णय लेने से पूर्व पुरस्कारों कि दौड़ में शामिल प्रतियोगियों के नामो कि सूची कम से कम 3 महीने पहले सार्वजनिक कि जानी चाहिए। ताकि नागरिक अपने सांसदों को एस एम एस द्वारा यह आदेश भेज सके कि किस प्रतियोगी को पुरस्कार नही दिया जाना चाहिए।
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इसके अलावा राईट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष के कानूनी ड्राफ्ट को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। इससे दूरदर्शन की हालत सुधरेगी और वह युवाओ को सूचित करेगा कि मॉडलिंग/टीवी/सिनेमा/ आदि पेशे कैरियर और आय की दृष्टि से अन्य पेशो की तुलना में घटिया दर्जे के है, तथा इस पेशे में अधिकतर युवक-युवतियां अनैतिक व्यापार के धंधे के शिकार हो कर रह जाते है। इससे युवक-युवतियों में इस पेशे के प्रति आकर्षण घटेगा, और कई युवानो की जिंदगी बर्बाद होने से बच जायेगी।
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राइट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष के प्रस्तावित क़ानून को गैजेट में प्रकाशित करवाने के लिए अपने सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे ---www.facebook.com/pawan.jury/posts/811073719010866
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कृपया कांग्रेस/बीजेपी/संघ/आम आदमी पार्टी और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ के साथ लग कर अपना समय नष्ट न करे। ये सभी प्रियंका चोपड़ा और अजय देवगन को पद्म पुरस्कार दिए जाने का समर्थन कर रहे है।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153263755856922
मोदी साहेब द्वारा प्रियंका चोपड़ा आदि को पद्म पुरस्कार देने का आदेश देने के विरोध में
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(A) अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा आदि अयोग्य व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार देकर मोदी साहेब और पेड मिडिया ने कैसे परस्पर एक दूसरे को लाभ पहुंचाया ?
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(B) इससे आम नागरिको को किस तरह से भारी नुकसान हुआ ?
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(C) और क्यों संघ , कांग्रेस, बीजेपी , आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और सोनिया-मोदी-केजरीवाल देवगन व चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने का समर्थन कर रहे है ?
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कुछ 1 लाख के लगभग युवक युवतियां हर वर्ष मॉडलिंग/टीवी/फिल्म/मनोरंजन उद्योग में अपनी किस्मत आजमाने का प्रयास करते है। इनमे से ज्यादातर शुरूआती एक दो वर्षो में बेहद कम पैसो या लगभग मुफ्त में काम करते है। और इनमें से ज्यादातर ऊँचे तबको के 'जरायम पेशा' कारोबार का हिस्सा बनकर रह जाते है। और सिर्फ बहुत थोड़े से प्रतियोगी ही औसत आय जुटा पाने में सफल होते है।
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प्रियंका चोपड़ा जैसी तारिकाएं एक फिल्म के 1 से 5 करोड़ तक वसूलती है, लेकिन फिल्म/टीवी/मॉडलिंग आदि पेशे से जुड़ी हुयी अन्य औसत अभिनेत्रियां एक औसत इंजिनियर से कम, एक डॉक्टर से बेहद कम और यहां तक की किसी अन्य व्यवसाय में इतना ही समय काम करने वाली अन्य महिलाओं से बेहद कम पैसा कमाती है। यहां तक कि 50 वर्ष की आयु में एक नर्स भी 50 वर्षीय अभिनेत्री से ज्यादा पैसा कमाती है। मॉडल्स/मनोरंजन आदि में जरायम पेशा महिलाएं अच्छा पैसा बनाती है, लेकिन यह वक्ती तौर पर ही होता है। उम्र की ढलान के साथ उनकी आय घटती जाती है।
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मान लीजिये कि इन 1 लाख युवतियों से पूछा जाता है की --- 'क्या आप ढेर सा पैसा कमाने के लिए जरायम पेशा धंधो में उतरना चाहेंगी ? या क्या आप मॉडलिंग जैसे पेशे में काम करना चाहेंगी, जहां ज्यादातर संभावना है कि आपको अन्य क्षेत्रो से कम आय होगी और यह तय है कि कुछ वर्षो बाद आय शून्य हो जाए ? इन प्रश्नो को सुनकर लगभग 90% युवतियां इंकार करके वहाँ से चली जायेगी और अध्यापन, इंजीनियरिंग, नर्सिंग व्यापार या किसी अन्य कार्यालयी विभाग में काम करना पसंद करेंगी।
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इसीलिए इस पेशे में लड़कियों को खींचने के लिए कई प्रकार के प्रलोभनों की आवश्यकता है। और इसीलिए पेड मिडिया इन 1 लाख युवतियों को आकर्षित करने के लिए 100-200 सफल तारिकाओं के प्रचार पर करोडो रूपये खर्च करता है। इस तरह यह भ्रम खड़ा किया जाता है कि इस पेशे में आने वाली युवतियों के लिए सफलता और पैसा कमाने के अपार अवसर है। नतीजे में ज्यादातर युवतियां कम मेहनताने के बावजूद इस पेशे में गिरती है और उनमे से ज्यादातर जरायम पेशा सेवा प्रदाता बनकर रह जाती है।
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इस सब गणित का पद्म पुरस्कारों से क्या सम्बन्ध है ?
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पद्म पुरस्कार सम्मान और ग्लैमर में इजाफा करता है। इससे ज्यादा से ज्यादा युवक-युवतियों को इस पेशे में संघर्ष करने का वाजिब कारण नजर आता है, अत: वे इस पेशे को सम्मानीय समझ कर इसे कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित होते है।
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दूसरे शब्दों में अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार देने का फैसला करके मोदी साहेब ने मनोरंजन जगत के उन निर्माताओ और निवेशकों को नवाजा है जिन्हे इस पेशे में सस्ती दरों पर युवक-युवतियों की आवश्यकता है।
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और मोदी साहेब को इससे क्या लाभ होगा ? मोदी साहेब को वे इसके बदले में अच्छा खासा सकारात्मक प्रचार और कवरेज देंगे। पेड मिडिया उन मुद्दो को जोर से उठाएगा जिनमे मोदी साहेब की छवि सकारात्मक छवि उभर कर आये और उन मुद्दो को दबा देगा जिससे मोदी साहेब की सार्वजनिक छवि को धक्का पहुँचता हो।
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तो इस पूरे प्रकरण से नुकसान किसे हुआ ?
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जिन लाखों युवतियों को इस सम्बन्ध में जानकारी नहीं है, उन्हें इससे नुकसान होगा। और नुकसान इनके अभिभावकों को भी होगा। अजय देवगन और प्रियंका चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने से ज्यादा युवक-युवतियां अपने अकादमिक कैरियर को दरकिनार करके मनोरंजन जगत में प्रवेश करेंगे। और उनमे से ज्यादातर कम मेहनताने पर कार्य करेंगे या कुत्सित व्यापार की शरण लेंगे।
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और अंत में, सोनिया और केजरीवाल देवगन व चोपड़ा को पद्म पुरस्कार दिए जाने के मोदी साहेब के फैसले का समर्थन क्यों कर रहे है ? क्योंकि इसकी एवज में पेड मिडिया और उनके प्रायोजक उन्हें भी सकारात्मक कवरेज देंगे।
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और क्यों संघ , कांग्रेस, बीजेपी , आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मोदी साहेब के इस फैसले का समर्थन कर रहे है ? और मोदी-सोनिया-केजरीवाल के अंध भगत भी प्रियंका चोपड़ा को पुरस्कार देने का समर्थन क्यों कर रहे है ? क्योंकि इनके दिमाग में सबसे पहले इनके नेताओ का ही ख़याल आता है। शेष भारत चाहे तो इनकी तरफ से भाड़ में जा सकता है। इन्हें कोई समस्या नहीं है।
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अब तक सिर्फ हम राइट टू रिकॉल के कार्यकर्ताओ ने ही प्रियंका चोपड़ा-अजय देवगन को पद्म पुरस्कार दिए जाने का विरोध किया है।
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समाधान ?
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ऐसे पुरस्कारो पर निर्णय लेने से पूर्व पुरस्कारों कि दौड़ में शामिल प्रतियोगियों के नामो कि सूची कम से कम 3 महीने पहले सार्वजनिक कि जानी चाहिए। ताकि नागरिक अपने सांसदों को एस एम एस द्वारा यह आदेश भेज सके कि किस प्रतियोगी को पुरस्कार नही दिया जाना चाहिए।
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इसके अलावा राईट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष के कानूनी ड्राफ्ट को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। इससे दूरदर्शन की हालत सुधरेगी और वह युवाओ को सूचित करेगा कि मॉडलिंग/टीवी/सिनेमा/ आदि पेशे कैरियर और आय की दृष्टि से अन्य पेशो की तुलना में घटिया दर्जे के है, तथा इस पेशे में अधिकतर युवक-युवतियां अनैतिक व्यापार के धंधे के शिकार हो कर रह जाते है। इससे युवक-युवतियों में इस पेशे के प्रति आकर्षण घटेगा, और कई युवानो की जिंदगी बर्बाद होने से बच जायेगी।
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राइट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष के प्रस्तावित क़ानून को गैजेट में प्रकाशित करवाने के लिए अपने सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे ---www.facebook.com/pawan.jury/posts/811073719010866
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कृपया कांग्रेस/बीजेपी/संघ/आम आदमी पार्टी और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ के साथ लग कर अपना समय नष्ट न करे। ये सभी प्रियंका चोपड़ा और अजय देवगन को पद्म पुरस्कार दिए जाने का समर्थन कर रहे है।
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