Tuesday, February 2, 2016

भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भारत में पतंजलि के प्रोडक्ट बेचने के लिए वालमार्ट-इण्डिया के साथ व्यापारिक समझौता करने की कोशिश में है (28-Jan-2016) No.3

January 28, 2016 No.3


भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भारत में पतंजलि के प्रोडक्ट बेचने के लिए वालमार्ट-इण्डिया के साथ व्यापारिक समझौता करने की कोशिश में है --- ताकि जितना ही पतंजलि के उत्पाद वालमार्ट के माध्यम से बिकेंगे, देश पर डॉलर चुकाने का कर्ज भी उसी अनुपात में बढ़ता जाएगा।

पतंजलि और वालमार्ट के बीच समझौता यह हुआ है कि --- वालमार्ट पतंजलि का सामान बेचेगा, और इसकी एवज में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भारत के स्वदेशी कार्यकर्ताओ को भ्रमित करेंगे। 

भारत में कोई भी पेशेवर कारोबारी यदि अपना सामान बेचने और मुनाफा बढ़ाने के लिए यदि वालमार्ट, मैक्डोनल्ड या पेप्सी कोक आदि की सहायता लेता है तो यह कारोबार के नजरिये से ठीक है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। क्योंकि ऐसा करना कानूनी और व्यावसायिक मुनाफे के अनुकूल है, और व्यापार में फैसले लाभ को दृष्टिगत रखकर ही किये जाते है। 

लेकिन ऐसा व्यक्ति जो खुद को एक 'कार्यकर्ता' और यहां तक कि 'स्वदेशी कार्यकर्ता' कहता है, लेकिन अपना स्वदेशी सामान बेचने के लिए एक विदेशी कंपनी से गठजोड़ बनांता है, तो ऐसा व्यक्ति 'कार्यकर्ता' नहीं है। वह बईमान धंधेबाज है, जो कि मुनाफ़ा कमाने के लिए झूठ बोल सकता है, धोखा दे सकता है और यदि उसे मौका मिले जहर की बोतल को अमृत कह कर भी बेच सकता है। 

भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भी इसी फितरत के 'कार्यकर्ता' है। 
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जब से राजीव भाई का अवसान हुआ है, तब से मैं सभी से आग्रह कर रहा हूँ कि भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकताओ को भाड़ में जाने दो और व्यवस्था परिवर्तन के लिए राईट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ के साथ कार्य करो। मेने कई बार यह कहा है कि --- भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता राजीव भाई की तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पर इसीलिए लगाते है ताकि वे स्वदेशी कार्यकताओ को बेवकूफ बना सके, असल में ये सभी रंगे सियार है। वरना भारत में सैंकड़ो हजारो कारोबारी है, जो खुद को कारोबारी कहते है और अपना कारोबार करते है। और इसमें कोई गलत बात भी नहीं। लेकिन 'स्वदेशी कार्यकर्ता' की खाल लपेट कर अपना कारोबार इस तरह से बढ़ाना जिससे देश को नुकसान हो, एक कार्यकर्ता की नीति नहीं हो सकती। ऐसे व्यक्ति धंधेबाज है, जो मुनाफे के लिए किसी हद तक गिर कर दिखा सकते है। 

आज जब भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता पतंजलि के प्रोडक्ट बेचने के लिए वालमार्ट से गठजोड़ बना रहे है !!

तो मेरा कहना यह है कि --- हाँ, अगर आपको पैसा कमाना है तो आपको भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़ जाना चाहिए। 

लेकिन यदि आप भारत में व्याप्त समस्याओ के समाधान के लिए आवश्यक क़ानून देश में लागू करवाना चाहते है तो आपको भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ के साथ अपना समय बर्बाद करने की जगह राईट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ के साथ काम करना चाहिए। 

सम्बंधित खबर के लिए यह लिंक देखें --- http://m.indiatvnews.com/…/walmart-in-talks-with-baba-ramde…
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