February 13, 2016 No.1
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153285412326922
आतंकवादी कम सीआईए एजेंट ज्यादा डेविड हेडली सिर्फ वही सब सुना रहा है, जो उसे सीआईए=अमेरिका ने बोलने के लिए कहा है।
.
डेविड हेडली को सीआईए ने प्रशिक्षित किया था , तथा बाद में सीआईए ने हेडली आईएसआई को उधार दे दिया , जिसे बाद में आईएसआई ने लश्कर ए तय्यबा को सौंप दिया ताकि वह 26/11 का हमला कर सके।
.
उसके बयान को सिर्फ तब ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए जबकि वह यह बयान 1500 नागरिको की ज्यूरी के सामने दे। तथा यह बयान उसके सार्वजनिक नार्को टेस्ट के बाद भारत में दर्ज किया जाए। फिलहाल वह बयान नहीं बल्कि स्क्रिप्ट पढ़ रहा है।
.
सीआईए के पर्यवेक्षण में उसके द्वारा दिया जा रहा बयान किसी काम का नहीं है। यह देखना अजीब है कि लोगो द्वारा उसके उस बयान को इतनी गंभीरता से लिया जा रहा है , जो बयान हत्या के दोषी द्वारा दिया गया है , वह यह बयान विदेशी धरती से दे रहा है, विदेशीयों की हिरासत में है, और खुद भी एक विदेशी है !!!
.
=========
.
जहां तक सोहराबुद्दीन और इशरत जहां आदि के एनकाउंटर का मामला है, इस मुकदमे की सुनवाई गुजरात की मतदाता सूची में से चयनित 500 नागरिको की ज्यूरी द्वारा की जानी चाहिए। नागरिको की ज्यूरी यह तय करेगी कि, किन किन आरोपियों और गवाहों का सार्वजनिक नार्को टेस्ट लिया जाना चाहिए।
.
ज्यूरी इस सम्बन्ध में क्या निर्णय देगी ? मुझे कोई अनुमान नहीं। लेकिन में इतना जरूर कह सकता हूँ कि ---- यदि मुझे ज्यूरी मंडल में शामिल होने का अवसर मिलता तो, मैं इन दोनों मामलो में प्रथम दृष्टया आरोपियों को रिहा करने का फैसला देता।यदि मुझे ज्यूरी मंडल में रखा जाता है तो , मेरा अंतिम निर्णय मैं दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद दूंगा। शेष नागरिक अपना फैसला स्वयं ले सकते है।
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153285412326922
आतंकवादी कम सीआईए एजेंट ज्यादा डेविड हेडली सिर्फ वही सब सुना रहा है, जो उसे सीआईए=अमेरिका ने बोलने के लिए कहा है।
.
डेविड हेडली को सीआईए ने प्रशिक्षित किया था , तथा बाद में सीआईए ने हेडली आईएसआई को उधार दे दिया , जिसे बाद में आईएसआई ने लश्कर ए तय्यबा को सौंप दिया ताकि वह 26/11 का हमला कर सके।
.
उसके बयान को सिर्फ तब ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए जबकि वह यह बयान 1500 नागरिको की ज्यूरी के सामने दे। तथा यह बयान उसके सार्वजनिक नार्को टेस्ट के बाद भारत में दर्ज किया जाए। फिलहाल वह बयान नहीं बल्कि स्क्रिप्ट पढ़ रहा है।
.
सीआईए के पर्यवेक्षण में उसके द्वारा दिया जा रहा बयान किसी काम का नहीं है। यह देखना अजीब है कि लोगो द्वारा उसके उस बयान को इतनी गंभीरता से लिया जा रहा है , जो बयान हत्या के दोषी द्वारा दिया गया है , वह यह बयान विदेशी धरती से दे रहा है, विदेशीयों की हिरासत में है, और खुद भी एक विदेशी है !!!
.
=========
.
जहां तक सोहराबुद्दीन और इशरत जहां आदि के एनकाउंटर का मामला है, इस मुकदमे की सुनवाई गुजरात की मतदाता सूची में से चयनित 500 नागरिको की ज्यूरी द्वारा की जानी चाहिए। नागरिको की ज्यूरी यह तय करेगी कि, किन किन आरोपियों और गवाहों का सार्वजनिक नार्को टेस्ट लिया जाना चाहिए।
.
ज्यूरी इस सम्बन्ध में क्या निर्णय देगी ? मुझे कोई अनुमान नहीं। लेकिन में इतना जरूर कह सकता हूँ कि ---- यदि मुझे ज्यूरी मंडल में शामिल होने का अवसर मिलता तो, मैं इन दोनों मामलो में प्रथम दृष्टया आरोपियों को रिहा करने का फैसला देता।यदि मुझे ज्यूरी मंडल में रखा जाता है तो , मेरा अंतिम निर्णय मैं दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद दूंगा। शेष नागरिक अपना फैसला स्वयं ले सकते है।
No comments:
Post a Comment