September 18, 2015 No.1
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153043407696922
मोदी साहेब ने वित्त मंत्री को बैंकिंग में 100% FDI की अनुमति देने के आदेश दिए है। मतलब अब विदेशी कम्पनिया आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे निजी कम्पनियो को खरीद सकेगी !!!
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सोनिया और अरविन्द गांधी भी इस फैसले का समर्थन कर रहे है।
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सोनिया-मोदी और केजरीवाल के सभी अंधभगत भी इस फैसले का समर्थन कर रहे है कि, भारत के निजी क्षेत्र के बैंको को पूरी तरह से विदेशी कम्पनियो के हवाले कर दिया जाना चाहिए।
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परम पूज्य मोहन भागवत ने भी इस फैसले का 'वैज्ञानिक आधार' पर समर्थन करने का फैसला किया है। ऐसे में भागवत के अंध भगतो के पास भी इस फैसले का समर्थन करने के सिवा कोई चारा नहीं है। सभी भागवत भगत नियमित तौर पर शाखा जाकर ऊँची आवाज में एफडीआई मतलब 'फर्स्ट डवलप इण्डिया' के नारे लगा रहे है। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भी चटनी, आचार, बिस्किट, शहद, चूरण, तेल, शेम्पू, नमकीन, मसाले, पापड़ आदि को छोड़कर सभी क्षेत्रो में FDI का समर्थन कर रहे है।
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राईट टू रिकॉल ग्रुप बैंकिंग क्षेत्र में FDI का विरोध करता है।
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हमने भारत के सभी क्षेत्रो में FDI सीमा को लगभग शून्य तक कम करने के लिए कानूनी ड्राफ्ट प्रस्तावित किया है।
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सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिको के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809743912477180?pnref=story
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हमने यह भी प्रस्ताव किया है कि भारत में व्यापार करने वाली विदेशी कम्पनियो को कमाए गए मुनाफे के बदले डॉलर का भुगतान न किया जाए। बल्कि उतना ही डॉलर दिया जाए, जितना कि अमुक कम्पनी ने निर्यात करके देश की तिजौरी में जमा किया है।
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सोनिया-मोदी-केजरीवाल-भागवत और उनके अंध भगत इस प्रस्ताव का भी विरोध कर रहे है।
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http://economictimes.indiatimes.com/…/articles…/48992651.cms
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढाकर 100% करने के बाद अब विदेशी कम्पनिया भारत के निजी बैंको पर पूरी तरह से स्वामित्व हासिल कर सकेंगी।
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पूरी खबर देखने के लिए उपरोक्त लिंक को क्लिक करे।
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https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153043407696922
मोदी साहेब ने वित्त मंत्री को बैंकिंग में 100% FDI की अनुमति देने के आदेश दिए है। मतलब अब विदेशी कम्पनिया आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे निजी कम्पनियो को खरीद सकेगी !!!
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सोनिया और अरविन्द गांधी भी इस फैसले का समर्थन कर रहे है।
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सोनिया-मोदी और केजरीवाल के सभी अंधभगत भी इस फैसले का समर्थन कर रहे है कि, भारत के निजी क्षेत्र के बैंको को पूरी तरह से विदेशी कम्पनियो के हवाले कर दिया जाना चाहिए।
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परम पूज्य मोहन भागवत ने भी इस फैसले का 'वैज्ञानिक आधार' पर समर्थन करने का फैसला किया है। ऐसे में भागवत के अंध भगतो के पास भी इस फैसले का समर्थन करने के सिवा कोई चारा नहीं है। सभी भागवत भगत नियमित तौर पर शाखा जाकर ऊँची आवाज में एफडीआई मतलब 'फर्स्ट डवलप इण्डिया' के नारे लगा रहे है। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ता भी चटनी, आचार, बिस्किट, शहद, चूरण, तेल, शेम्पू, नमकीन, मसाले, पापड़ आदि को छोड़कर सभी क्षेत्रो में FDI का समर्थन कर रहे है।
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राईट टू रिकॉल ग्रुप बैंकिंग क्षेत्र में FDI का विरोध करता है।
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हमने भारत के सभी क्षेत्रो में FDI सीमा को लगभग शून्य तक कम करने के लिए कानूनी ड्राफ्ट प्रस्तावित किया है।
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सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिको के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809743912477180?pnref=story
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हमने यह भी प्रस्ताव किया है कि भारत में व्यापार करने वाली विदेशी कम्पनियो को कमाए गए मुनाफे के बदले डॉलर का भुगतान न किया जाए। बल्कि उतना ही डॉलर दिया जाए, जितना कि अमुक कम्पनी ने निर्यात करके देश की तिजौरी में जमा किया है।
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सोनिया-मोदी-केजरीवाल-भागवत और उनके अंध भगत इस प्रस्ताव का भी विरोध कर रहे है।
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http://economictimes.indiatimes.com/…/articles…/48992651.cms
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढाकर 100% करने के बाद अब विदेशी कम्पनिया भारत के निजी बैंको पर पूरी तरह से स्वामित्व हासिल कर सकेंगी।
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