Thursday, September 17, 2015

किसी भी धर्म के खंडन के लिए विज्ञान सबसे वैज्ञानिक अस्त्र है। धर्म को विज्ञान की कसौटी पर कसने से सभी धर्म उड़ जाएंगे। हिन्दू धर्म पर प्रहार करने के लिए भागवत भी यही कर रहे है। (16-Sep-2015) No.5

September 16, 2015 No.5

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किसी भी धर्म के खंडन के लिए विज्ञान सबसे वैज्ञानिक अस्त्र है। धर्म को विज्ञान की कसौटी पर कसने से सभी धर्म उड़ जाएंगे। हिन्दू धर्म पर प्रहार करने के लिए भागवत भी यही कर रहे है। 

मिशनरीज स्थानीय धर्म की खिल्ली उड़ाने और उसे ढकोसला साबित करने के लिए विज्ञान का आश्रय लेती है। इसके लिए उन्हें ऐसे नेताओ की आवश्यकता होती है जो कि स्थानीय धर्म के स्वयं भू पहरुए हो। हिन्दू धर्म के सन्दर्भ में बीजेपी और आरएसएस इस मापदंड पर खरे उतरते है। इसलिए हिन्दू धर्म पर शने: शने: प्रहार करने के लिए इन संगठनो के नेता एकदम मुफीद है। जो जाहिर तौर पर हिंदूवादी हो। 

पेड मिडिया के माध्यम से मिशनरीज हिन्दू साधू संतो के खिलाफ पहले से ही अभियान छेड़े हुए है। PK, सिंघम रिटर्न और OMG जैसी फिल्मो का मोदी साहेब प्रमोशन करते है। अब भागवत का कहना है कि हिन्दू धर्म में व्याप्त अवैज्ञानिक मान्यताओ का त्याग कर देना चाहिए। कल भागवत मंदिर निर्माण के लिए श्री राम और कृष्ण के अस्तित्व के वैज्ञानिक प्रमाण मांगेगे। भागवत नए नहीं है, इससे पहले भी बीजेपी के अन्य नेता इस तरह की बयानबाजी करते रहे है। 

देवालय से पहले शौचालय बनाये जाने चाहिए - मोदी साहेब 

मेरी विनती है कि श्रद्धालु मंदिरो को दान देना बंद करे - आनंदी बेन 

हिन्दू मंदिर सबसे गंदे पूजा स्थल है - परेश रावल 

दिवाली पर आतिशबाजी करने से प्रदुषण फैलता है - हर्षवर्धन 

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समाधान - धर्म की व्याख्या, मीमांसा, वैज्ञानिकता अवैज्ञानिकता में मेरी रुचि नहीं है। मै मानता हूँ कि हिन्दू धर्म के प्रशासन को मजबूत बनाकर हिन्दू धर्म को मजबूत बनाया जा सकता है। मीमांसा का कार्य संतो, महंतो और धार्मिक गुरुओ के हवाले ही रहना चाहिए। धर्म के प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए हमारा प्रस्ताव है कि 'हिन्दू देवालय प्रबंधन अधिनियम' को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। प्रस्तावित क़ानून का लिंक कॉमेंट बॉक्स में देखे।

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