Tuesday, September 15, 2015

राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट (16-Sep-2015) No.1

September 16, 2015 No.1

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153040036676922

राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट
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भारत के नागरिको,
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अगर आप चाहते है कि नागरिकों के पास ऐसी प्रक्रिया हो कि वे अपने विधायक को किसी भी दिन नौकरी से निकाल सकें, तो अपने सांसद को एस.एम.एस. द्वारा ये आदेश भेजे :
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माननीय सांसद,
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अगर आपको एस.एम.एस. द्वारा ये यू.आर.एल मिला है तो इसे उस वोटर का आदेश माना जाये जिसने यह मैसेज भेजा है, न कि जिसने ये लेख लिखा है।
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=== प्रस्तावित ड्राफ्ट का आरम्भ ====
1. (1.1) शब्द `नागरिक` का मतलब रजिस्ट्रीकृत मतदाता है |
(1.2) शब्द “कर सकता है “ का मतलब कोई भी नैतिक-कानूनी बंधन नहीं है | इस का मतलब “ कर सकता है “ या “करने की जरूरत नहीं है “ है |
2. [जिला कलेक्टर को निर्देश]
प्रधानमंत्री जिला कलेक्टर को निर्देश देते हैं कि यदि भारत का कोई नागरिक जिला कलेक्टर के दफ्तर आता है और विधायक के लिए उम्मीदवार बनना चाहता है, तब जिला कलेक्टर , विधायक-चुनाव के जमा-राशि जितना शुल्क (फीस) लेगा और उस व्यक्ति को `विधायक उम्मीदवार` घोषित करेगा | जिला कलेक्टर एक सीरियल नंबर (क्रम संख्या) देगा और उसका नाम प्रधान मंत्री के वेबसाइट पर डालेगा |
3. [तलाटी अर्थात पटवारी अर्थात लेखपाल या (उसके क्लर्क) को निर्देश]
(3.1) प्रधानमंत्री पटवारी (या तलाटी या गाँव का अधिकारी ) को निर्देश देगा कि नागरिक यदि खुद पटवारी के दफ्तर आता है, रु. 3 शुल्क (फीस) देता है, और कम से कम पांच व्यक्तियों को अनुमोदन देता है विधायक के पद के लिए, तो पटवारी उसके पसंद (अनुमोदन) कंप्यूटर में डालेगा और उसको एक रसीद देगा, जिसमें लिखा होगा - उसकी वोटर आई.डी संख्या, तारीख-समय और जिन उम्मीदवारों को उसने पसंद किया है |
(3.2) यदि पटवारी के पास कंप्यूटर आदि नहीं है, तब जिला कलेक्टर इस कार्य को तहसीलदार के दफ्तर को देगा, जब तक कि पटवारी को कंप्यूटर, आदि नहीं मिलता इस कार्य को करने के लिए |
(3.3) जिला कलेक्टर एक एस.एम.एस फीडबैक सिस्टम बना सकता है जो `क्रेडिट कार्ड लेन-देन` के फीडबैक सिस्टम के समान होगा |
(3.4) जिला कलेक्टर उपकरण (मशीन) पटवारी को देगा, जो फोटो और अंगुली की छाप लेगा और रसीद देगा नागरिक के अंगुली की छाप और फोटो के साथ |
4. [तलाटी अर्थात पटवारी अर्थात लेखपाल या (उसके क्लर्क) को निर्देश]
पटवारी नागरिकों के अनुमोदन (पसंद) प्रधानमंत्री के वेबसाइट पर रखेगा, नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर और उन उम्मीदवारों के नाम, जिनको उसने अनुमोदन (पसंद) किया है |
5. [तलाटी अर्थात पटवारी अर्थात लेखपाल या (उसके क्लर्क) को निर्देश]
यदि वोटर अपने अनुमोदन रद्द करने आता है, तो तलाटी एक या अधिक अनुमोदन (पसंद) को बिना कोई फीस लिए रद्द कर देगा |
6. [विधायक को निर्देश]
यदि कोई दूसरा (वैकल्पिक) उम्मीदवार को अनुमोदन (स्वीकृति) मिल जाती हैं जो इन में से कम है -
(6.1) वर्तमान (आज के) विधायक के वोटों की गिनती से (सभी मतदाताओं के ) 20% अनुमोदन (स्वीकृति) से अधिक है
या
(6.2) उस चुनाव-क्षेत्र के सभी मतदाताओं के 50% से ज्यादा अनुमोदन (स्वीकृति) हों , और साथ ही में वर्तमान विधायक के प्राप्त अनुमोदन से (मतदाता की कुल संख्या का) 10% अनुमोदन/स्वीकृति ज्यादा हों |
तो, वर्तमान (आज का) विधायक अपना इस्तीफा 7 दिन में दे सकता है या उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं है |
7. [विधानसभा अध्यक्ष, विधायक को निर्देश]
(7.1) यदि वर्तमान (आज का) विधायक 7 दिनों में इस्तीफा नहीं देता है, तो लोकसभा अध्यक्ष प्रस्ताव बुला सकता है संसद में, उस विधायक को निकालने के लिए या ऐसा करना उसके लिए नहीं जरूरी है | विधानसभा अध्यक्ष का फैसला अंतिम होगा |
(7.2) दूसरे विधायक, उस विधायक को निकालने के लिए प्रस्ताव स्वीकृत कर सकते हैं या उन्हें ऐसा करने के लिए कोई जरूरत नहीं है |
8. [चुनाव आयोग(देश में चुनाव कराने वाली सरकारी संस्था ) को निर्देश]
(8.1) यदि विधायक इस्तीफा देता है या निकाला जाता है, तो चुनाव आयोग नया चुनाव करवायेगी, कायदे के अनुसार | अगले चुनाव में, जो विधायक निकाला गया है, वो चुनाव लड़ सकता है |
(8.2) धारा-6 के प्रयोजन के लिए, मतदाताओं के अनुमोदन (स्वीकृति) जिन्होनें चुनाव के घोषित होने के बाद अपना नाम दर्ज (रेजिस्टर) किया है , वे नहीं गिने जाएँगे | हर चुनाव-क्षेत्र की मतदातों की सही संख्या चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित की जायेगी और चुनाव-आयोग का फैसला आखरी होगा |
9. जनता की आवाज़-1 (सी वी – 1) [जिला कलेक्टर को निर्देश]
यदि कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव चाहता हो तो वह जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट (शपथपत्र) दे सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्‍लर्क इस ऐफिडेविट को 20 रूपए प्रति पन्ने की फीस लेकर नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर स्कैन करेगा ।
10. जनता की आवाज़-2 (सी वी – 2) [तलाटी अर्थात पटवारी अर्थात लेखपाल को निर्देश]
यदि कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के धारा में प्रस्‍तुत किसी भी ऐफिडेविट (शपथपत्र) पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र (वोटर आई डी) लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए की फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी रसीद देगा। इस हां/नहीं को नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ डाल दिया जाएगा ।
11. [प्रधानमंत्री के लिए निर्देश]
यदि भारत के कम से कम 40 करोड़ नागरिक-मतदाता सहमति देते हैं, तो प्रधानमंत्री राज्य में इस कानून-ड्राफ्ट को 5 वर्ष के लिए हटा सकता है |
=== प्रस्तावित ड्राफ्ट का अंत ====

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