Sunday, September 6, 2015

जीएसटी आने से छोटी इकाइया बाजार से बाहर हो जायेगी और बड़ी कम्पनियो को फायदा होगा। इसीलिए सोनिया-मोदी-केजरीवाल तीनो मिलकर जीएसटी का समर्थन कर रहे है। (6-Sep-2015) No.10

September 6, 2015 No.10

https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153016644381922

जीएसटी आने से छोटी इकाइया बाजार से बाहर हो जायेगी और बड़ी कम्पनियो को फायदा होगा। इसीलिए सोनिया-मोदी-केजरीवाल तीनो मिलकर जीएसटी का समर्थन कर रहे है। 



माना कि उत्पादक M, 1000 रूपये का सामान एक ट्रेडर T1 को बेचता है। ट्रेडर T1 यही सामान ट्रेडर T2 को 1020 में बेचता है। अब ट्रेडर T2 यह सामान ट्रेडर T3 को 1050 रू में बेचता है। माना कि मोदी साहेब के जीएसटी की दर यदि 20% है तो बिलिंग इस प्रकार से होगी M का T1 को बिल विक्रय मूल्य - 1000 रू जीएसटी - 200 रू कुल देय राशि - 1200 रू अत: M सरकार को जीएसटी के 200 रू चुकाएगा T1 का T2 को बिल विक्रय मूल्य - 1020 रू जीएसटी - 204 रू कुल देय राशि - 1224 रू इस स्थिति में T1 सरकार को जीएसटी के 204 - 200 = 4 रूपये चुकाने होंगे। T2 का T3 को बिलविक्रय मूल्य - 1050 रू जीएसटी - 210 रू कुल देय राशि - 1260 रू अत: T2 सरकार को जीएसटी के 210 - 204 = 6 रू चुकाएगा अब मान लीजिये कि M जीएसटी के 200 रूपये सरकार को चुकाता है लेकिन T1 जीएसटी नहीं चुकाता और फरार हो जाता है। तब जीएसटी क़ानून के अनुसार T2 को जीएसटी के पूरे 210 रूपये सरकार को चुकाने होंगे !!! उसे उस राशि में छूट नहीं मिलेगी जो राशि M ने T1 से ली थी। ==========कैसे यह क़ानून बड़े उत्पादकों और बड़े ट्रेडर्स को गलत फायदा पहुंचाएगा और छोटे उत्पादको और ट्रेडर्स को बाजार से बाहर कर देगा ?मान लीजिये कि बाजार में 10 बड़े उत्पादक या ट्रेडर्स L1, L2,…… L10 है। और 1000 छोटे ट्रेडर्स S1, S2,…S1000 है। ऐसी स्थिति में L1 से L10 तक कोई भी उत्पादक या ट्रेडर फरार नही होगा, क्योंकि उनके पास काफी फैली हुयी और प्रचुर संपत्तियां होती है। तथा घाटे की स्थिति में वे अकार्यशील सम्पत्तियो के विवरण देकर खुले आम कर चोरी की कानूनी व्यवस्था बना लेते है और भागने की नौबत नहीं आती। लेकिन ज्यादातर संभावना है कि इन 1000 छोटे (S1000) में से 1% ट्रेडर धोखाधड़ी या घाटा खाने के कारण कर चोरी करेंगे और फरार हो जायेगे। ऐसा होने पर शेष 990 ईमानदार छोटे ट्रेडर्स को भी संदेह की नजरो से देखा जाएगा, और जोखिम के चलते व्यापारी उंसके साथ धंधा करने से घबराएंगे। अत: इस क़ानून के चलते सिर्फ 1% बेईमानो के कारण 99% ईमानदार व्यापारी अपना व्यापार खो देंगे !!!==========दूसरे शब्दों में सोनिया-मोदी-केजरीवाल द्वारा प्रस्तावित जीएसटी मास्टर स्ट्रोक है, जो छोटे व्यापारियों का धंधा खींचकर बड़े व्यापारियों को दे देगा। मेरे द्वारा प्रस्तावित समाधान यह है कि जीएसटी/वैट/एक्साइज़/सर्विस टैक्स को समाप्त किया जाए और संपत्ति कर को लागू किया जाए। संपत्ति कर का प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/745231492261756.

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