August 27, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152997436776922
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जातीय आधार और पटेलों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर खामोश बने रहने वाले राजनेता और कार्यकर्ता मक्कार है। यदि नहीं, तो उन्हें इन मुद्दो पर अपना रुख साफ़ करना चाहिए।
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ऐसे चालाक राजनेताओ को वोट न दें तथा न ही ऐसे कार्यकर्ताओ का समर्थन करे।
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आम आदमी पार्टी की अहमदाबाद और गुजरात इकाई ने अन्य पिछड़ा वर्ग और पटेलों के लिए आरक्षण पर अपना मुहं खोलने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे पटेलों को 11% आरक्षण देने का समर्थन करते है या 17% का।
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बीजेपी और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया।
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मेरा सभी कार्यकताओ और मतदाताओ से आग्रह है कि इनकी इस मौकापरस्त मौन धारण नीति का विरोध करे क्योंकि ऐसा करके ये लोग समय देखकर अपनी चाल बदलने का अवसर अपने हाथ में बनाए रखते है।
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सभी को इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वह आरक्षण का समर्थन करता है या विरोध। चुप्पी साढ़े रहना सिर्फ इस आग में तेल डालने जैसा है।
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आरक्षण पर मैं अपना रूख स्पष्ट रूप से रख चुका हूँ। एक बार फिर से रख दे रहा हूँ।
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१. मैं जातीय आधार पर अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने का समर्थन करता हूँ।
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२. मैं पटेलों को १७% की जगह ११% और सभी अगड़ी जातियों को N%*0.67 के अनुसार आरक्षण दिए जाने का समर्थन करता हूँ। यहां N = जाति की जनसँख्या है। उदाहरण के लिए यदि बनियो की आबादी कुल जनसंख्या की ४% है तो मैं उन्हें 4% *0.67 = ३% आरक्षण देने का समर्थन करता हूँ।
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३. मैंने आरक्षण कम करने के लिए तीन कानूनो का प्रस्ताव किया है, जिनके लागू होने से आरक्षण व्यवहारिक रूप से ५०% से घटकर ५% तक सीमित हो जाएगा। ये ड्राफ्ट यहां देखे जा सकते है :
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https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152992759916922 . ,https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152990537221922 , andhttps://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152993013736922
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हिंदी के लिए यहां देखे :
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tinyurl.com/AarakshanGhatao
tinyurl.com/AarakshanGhatao1
tinyurl.com/AarakshanGhatao2
tinyurl.com/AarakshanGhatao3
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४. मैं आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए विरोध करता हूँ।
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५. मैं महिलाओ को आरक्षण देने का भी समर्थक नहीं हूँ।
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६. मैं मुस्लिम और ईसाई धर्मावलम्बियों को आरक्षण देने का विरोध करता हूँ, क्योंकि इस्लाम और ईसाइयत में ऐतिहासिक रूप से कोई अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग नहीं रहा है।
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जहां तक सोनिया-मोदी-केजरीवाल का इस विषय पर रूख है, वे हर व्यक्ति को अलग ही कथा सुनाते है। पहले केजरीवाल जी ने आरक्षण का विरोध किया था, क्योकि उन्हें कार्यकर्ता चाहिए थे। लेकिन जैसे ही वे चुनाव में उतरे, उन्होंने जातीय आधार पर आरक्षण का समर्थन करना शुरू कर दिया।
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इसी तरह संघ पहले आरक्षण का विरोध करता था, लेकिन सत्ता में आने के बाद आजकल समर्थन कर रहा है।
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इसलिए मैं सभी से आग्रह करूँगा कि वे सभी नेताओ और कार्यकर्ताओ से आरक्षण के विषय ओर अपना रुख स्पष्ट करने को कहे।
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ऐसे चालाक राजनेताओ को वोट न दें तथा न ही ऐसे कार्यकर्ताओ का समर्थन करे।
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आम आदमी पार्टी की अहमदाबाद और गुजरात इकाई ने अन्य पिछड़ा वर्ग और पटेलों के लिए आरक्षण पर अपना मुहं खोलने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे पटेलों को 11% आरक्षण देने का समर्थन करते है या 17% का।
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बीजेपी और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया।
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मेरा सभी कार्यकताओ और मतदाताओ से आग्रह है कि इनकी इस मौकापरस्त मौन धारण नीति का विरोध करे क्योंकि ऐसा करके ये लोग समय देखकर अपनी चाल बदलने का अवसर अपने हाथ में बनाए रखते है।
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सभी को इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वह आरक्षण का समर्थन करता है या विरोध। चुप्पी साढ़े रहना सिर्फ इस आग में तेल डालने जैसा है।
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आरक्षण पर मैं अपना रूख स्पष्ट रूप से रख चुका हूँ। एक बार फिर से रख दे रहा हूँ।
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१. मैं जातीय आधार पर अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने का समर्थन करता हूँ।
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२. मैं पटेलों को १७% की जगह ११% और सभी अगड़ी जातियों को N%*0.67 के अनुसार आरक्षण दिए जाने का समर्थन करता हूँ। यहां N = जाति की जनसँख्या है। उदाहरण के लिए यदि बनियो की आबादी कुल जनसंख्या की ४% है तो मैं उन्हें 4% *0.67 = ३% आरक्षण देने का समर्थन करता हूँ।
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३. मैंने आरक्षण कम करने के लिए तीन कानूनो का प्रस्ताव किया है, जिनके लागू होने से आरक्षण व्यवहारिक रूप से ५०% से घटकर ५% तक सीमित हो जाएगा। ये ड्राफ्ट यहां देखे जा सकते है :
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https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152992759916922 . ,https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152990537221922 , andhttps://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152993013736922
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हिंदी के लिए यहां देखे :
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४. मैं आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए विरोध करता हूँ।
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५. मैं महिलाओ को आरक्षण देने का भी समर्थक नहीं हूँ।
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६. मैं मुस्लिम और ईसाई धर्मावलम्बियों को आरक्षण देने का विरोध करता हूँ, क्योंकि इस्लाम और ईसाइयत में ऐतिहासिक रूप से कोई अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग नहीं रहा है।
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जहां तक सोनिया-मोदी-केजरीवाल का इस विषय पर रूख है, वे हर व्यक्ति को अलग ही कथा सुनाते है। पहले केजरीवाल जी ने आरक्षण का विरोध किया था, क्योकि उन्हें कार्यकर्ता चाहिए थे। लेकिन जैसे ही वे चुनाव में उतरे, उन्होंने जातीय आधार पर आरक्षण का समर्थन करना शुरू कर दिया।
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इसी तरह संघ पहले आरक्षण का विरोध करता था, लेकिन सत्ता में आने के बाद आजकल समर्थन कर रहा है।
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इसलिए मैं सभी से आग्रह करूँगा कि वे सभी नेताओ और कार्यकर्ताओ से आरक्षण के विषय ओर अपना रुख स्पष्ट करने को कहे।
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