August 30, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153003964941922
सभी कार्यकर्ताओ से आग्रह है कि वे आरक्षण पर अपना रूख स्पष्ट करे। अपना स्टेण्ड आप अपने फेसबुक प्रोफाइल पर रखिये ताकि फिजूल का असमंजस नहीं रहे।
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तात्कालीन पटेल प्रकरण में तीन तरह की आवाजे आ रही है :
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१. आरक्षण रद्द करो।
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२. पटेलों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करो।
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३. पटेलों को अलग से ११% आरक्षण दो।
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अन्य पिछड़ा वर्ग को बिंदु ३ से कोई एतराज नहीं है।
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लेकिन बिंदु १ और २ से उन्हें भय है ।
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तो यदि आप बिंदु १ और २ का विरोध और बिंदु ३ का समर्थन करते है तो अपनी फेसबुक प्रोफाइल या ट्विटर पर अपना स्टेण्ड स्पष्ट रूप से रखे।
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और यदि आप बिंदु ३ का समर्थन करते है तो उन सभी नेताओ और कार्यकर्ताओ का विरोध करे जो कि बिंदु १ तथा २ का खुले तौर पर या खामोश रह कर समर्थन कर रहे है।
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क्योंकि यदि आप ऐसे नेता का खामोश समर्थन कर रहे है जो कि बिंदु १ तथा २ का समर्थन कर रहा है तो अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिक यह आशय ग्रहण करेंगे कि आप भी बिंदु १ तथा २ के समर्थक है।
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इसलिए यदि आप बिंदु ३ का समर्थन करते है तो अपना रूख स्पष्ट तौर पर अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर रखे।
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यदि आप बिंदु १ तथा २ का समर्थन करते है तो इस स्तम्भ की उपेक्षा कर सकते है। मैं बिंदु १ तथा २ का विरोध तथा बिंदु ३ का समर्थन करता हूँ। आप अपना फैसला अपने विवेक से लेने के लिए स्वतंत्र है।
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जहां तक मैं देखता हूँ बिंदु १ तथा बिंदु पूरे अहमदाबाद, पूरे गुजरात और यहां तक कि पूरे भारत को आग के हवाले करने के लिए काफी है। इसलिए इस सम्बन्ध में आप अपना फैसला स्वयं करे।
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पवन कुमार जूरी
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153003964941922
सभी कार्यकर्ताओ से आग्रह है कि वे आरक्षण पर अपना रूख स्पष्ट करे। अपना स्टेण्ड आप अपने फेसबुक प्रोफाइल पर रखिये ताकि फिजूल का असमंजस नहीं रहे।
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तात्कालीन पटेल प्रकरण में तीन तरह की आवाजे आ रही है :
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१. आरक्षण रद्द करो।
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२. पटेलों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करो।
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३. पटेलों को अलग से ११% आरक्षण दो।
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अन्य पिछड़ा वर्ग को बिंदु ३ से कोई एतराज नहीं है।
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लेकिन बिंदु १ और २ से उन्हें भय है ।
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तो यदि आप बिंदु १ और २ का विरोध और बिंदु ३ का समर्थन करते है तो अपनी फेसबुक प्रोफाइल या ट्विटर पर अपना स्टेण्ड स्पष्ट रूप से रखे।
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और यदि आप बिंदु ३ का समर्थन करते है तो उन सभी नेताओ और कार्यकर्ताओ का विरोध करे जो कि बिंदु १ तथा २ का खुले तौर पर या खामोश रह कर समर्थन कर रहे है।
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क्योंकि यदि आप ऐसे नेता का खामोश समर्थन कर रहे है जो कि बिंदु १ तथा २ का समर्थन कर रहा है तो अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिक यह आशय ग्रहण करेंगे कि आप भी बिंदु १ तथा २ के समर्थक है।
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इसलिए यदि आप बिंदु ३ का समर्थन करते है तो अपना रूख स्पष्ट तौर पर अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर रखे।
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यदि आप बिंदु १ तथा २ का समर्थन करते है तो इस स्तम्भ की उपेक्षा कर सकते है। मैं बिंदु १ तथा २ का विरोध तथा बिंदु ३ का समर्थन करता हूँ। आप अपना फैसला अपने विवेक से लेने के लिए स्वतंत्र है।
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जहां तक मैं देखता हूँ बिंदु १ तथा बिंदु पूरे अहमदाबाद, पूरे गुजरात और यहां तक कि पूरे भारत को आग के हवाले करने के लिए काफी है। इसलिए इस सम्बन्ध में आप अपना फैसला स्वयं करे।
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पवन कुमार जूरी
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