August 30, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153003965681922
अरविंद केजरीवाल मिशनरीज़/बहुराष्ट्रीय कम्पनियो और उनके द्वारा संचालित पेड मिडिया के लिए एक हथियार की तरह था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने मोदी साहेब को दबा कर रखने के लिए किया।
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अब उनके पास मोदी साहेब को कंट्रोल में रखने के लिए नया हथियार है ---- आरक्षण
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सिर्फ कुछ ही दिनों ने मिशनरिज़/बहुराष्ट्रीय कम्पनियो ने आरक्षण के मुद्दे पर एक नए हीरो को खड़ा कर दिया। इस प्रकरण में उनका निशाना मोदी साहेब नहीं थे, लेकिन उन्होंने गुजरात की मुख्यमंत्री को भारी नुकसान पहुचाया। और आने वाले समय में इस मुद्दे को उभारकर ये मोदी साहेब को भारी नुक्सान पहुंचा सकते है या धमका सकते है। साल छह महीनो में ही पेड मिडिया की सहायता से मिशनरीज/बहुराष्ट्रीय कंपनिया दर्जन भर राज्यों में कई हार्दिक पटेल खड़े करने में सक्षम है।
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उपाय यह है की दूरदर्शन को निजी चैनलों के बराबर शक्तिशाली बनाया जाए।
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१. दूरदर्शन का बजट सभी निजी चैनलों के कुल बजट से भी ज्यादा है, किन्तु दूरदर्शन का स्टाफ जानबूझकर अकार्यकुशल है। इसे कार्यकुशल बनाने के लिए हमें राईट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष और स्टाफ पर जूरी सिस्टम क़ानून की जरुरत है।
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२. हमे मिडिया में विदेशी निवेश की सीमा को क्रमश: घटाकर शून्य करने की आवश्यकता है।
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खेद का विषय है कि सोनिया-मोदी-केजरीवाल कुर्सी के लिए और इनके अंधभक्त इनकी भक्ति के वश होकर शुरू से ही राईट टू रिकॉल/जूरी सिस्टम कानूनो का विरोध करते आये है और आज भी कर रहे है।
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अत: सभी कार्यकर्ताओ से मेरा आग्रह है कि देशहित में इन नेताओ और इनके भक्तो से अपना पिंड छुड़ाए तथा अपने सांसद से राइट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष और जूरी सिस्टम के क़ानून की मांग करे।
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मांग करने के लिए अपने क्षेत्र के सांसद को SMS द्वारा आदेश भेजे कि दिए गए लिंक में दर्ज कानूनी ड्राफ्ट को गैजेट में प्रकाशित किया जाए।
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ड्राफ्ट का लिंक : tinyurl.com/RtrDdAdhyaksh
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10153003965681922
अरविंद केजरीवाल मिशनरीज़/बहुराष्ट्रीय कम्पनियो और उनके द्वारा संचालित पेड मिडिया के लिए एक हथियार की तरह था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने मोदी साहेब को दबा कर रखने के लिए किया।
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अब उनके पास मोदी साहेब को कंट्रोल में रखने के लिए नया हथियार है ---- आरक्षण
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सिर्फ कुछ ही दिनों ने मिशनरिज़/बहुराष्ट्रीय कम्पनियो ने आरक्षण के मुद्दे पर एक नए हीरो को खड़ा कर दिया। इस प्रकरण में उनका निशाना मोदी साहेब नहीं थे, लेकिन उन्होंने गुजरात की मुख्यमंत्री को भारी नुकसान पहुचाया। और आने वाले समय में इस मुद्दे को उभारकर ये मोदी साहेब को भारी नुक्सान पहुंचा सकते है या धमका सकते है। साल छह महीनो में ही पेड मिडिया की सहायता से मिशनरीज/बहुराष्ट्रीय कंपनिया दर्जन भर राज्यों में कई हार्दिक पटेल खड़े करने में सक्षम है।
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उपाय यह है की दूरदर्शन को निजी चैनलों के बराबर शक्तिशाली बनाया जाए।
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१. दूरदर्शन का बजट सभी निजी चैनलों के कुल बजट से भी ज्यादा है, किन्तु दूरदर्शन का स्टाफ जानबूझकर अकार्यकुशल है। इसे कार्यकुशल बनाने के लिए हमें राईट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष और स्टाफ पर जूरी सिस्टम क़ानून की जरुरत है।
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२. हमे मिडिया में विदेशी निवेश की सीमा को क्रमश: घटाकर शून्य करने की आवश्यकता है।
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खेद का विषय है कि सोनिया-मोदी-केजरीवाल कुर्सी के लिए और इनके अंधभक्त इनकी भक्ति के वश होकर शुरू से ही राईट टू रिकॉल/जूरी सिस्टम कानूनो का विरोध करते आये है और आज भी कर रहे है।
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अत: सभी कार्यकर्ताओ से मेरा आग्रह है कि देशहित में इन नेताओ और इनके भक्तो से अपना पिंड छुड़ाए तथा अपने सांसद से राइट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष और जूरी सिस्टम के क़ानून की मांग करे।
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मांग करने के लिए अपने क्षेत्र के सांसद को SMS द्वारा आदेश भेजे कि दिए गए लिंक में दर्ज कानूनी ड्राफ्ट को गैजेट में प्रकाशित किया जाए।
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ड्राफ्ट का लिंक : tinyurl.com/RtrDdAdhyaksh
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