Tuesday, August 4, 2015

जुलाई, 1993 में विपक्ष को लगा कि पीवी नरसिम्हा राव के पास सरकार चलाने के लिए आवश्यक पूर्ण बहुमत नहीं है, अत: उन्होंने राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। (4-Aug-2015) No.1

August 04, 2015

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जुलाई, 1993 में विपक्ष को लगा कि पीवी नरसिम्हा राव के पास सरकार चलाने के लिए आवश्यक पूर्ण बहुमत नहीं है, अत: उन्होंने राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। 

राव पर आरोप लगा कि उन्होंने एक सांसद के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को करोडो रूपये की घूस देकर सरकार के पक्ष में वोट करने को कहा था। 

7 साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अदालत ने राव और उनके सहयोगी पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह को भ्रष्टाचार का दोषी पाया और राव को 3 वर्ष की सजा सुनाई। 

राव ने हाईकोर्ट में अपील की और दो साल तक जमानत पर रहने के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलट दिया। 

इन्ही राव साहब को मोदी साहेब ने भारत रत्न के सम्मान से नवाजने के लिए चुना है। 

https://en.wikipedia.org/wiki/P._V._Narasimha_Rao

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