August 04, 2015
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152951343636922
अपने क्षेत्र के सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे - #NoBharatRatnaPVNR
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भारत के मतदाताओ, यदि आप चाहते है कि विश्व बैंक के एजेंट राव को भारत रत्न नहीं दिया जाए, तो कृपया अपने सांसद को #NoBharatRatnaPVNR लिख कर एसएमएस भेजे।
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राव को भारत का प्रधानमंत्री विश्व बैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बनाया था।
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राव ने विश्व बैंक के निर्देशानुसार मनमोहन को वित्त मंत्री बनाया और दोनों ने मिलकर देश बहुराष्ट्रीय कम्पनियो के हवाले कर दिया। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनने के सिर्फ तीन महीने पहले ही कांग्रेस की सदस्य्ता ली थी !!! यह पहले से तय था कि मनमोहन वित्त मंत्री बनेंगे चाहे प्रधानमंत्री कोई भी बने !!! यदि तब बीजेपी को बहुमत मिलता तो भी मनमोहन बीजेपी की सदस्यता ले लेते और वित्त मंत्री बनते। लेकिन कांग्रेस को ज्यादा सीटे मिली और मनमोहन ने कांग्रेस ज्वॉइन की।
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काम के नाम पर राव और मनमोहन ने वे सभी फाइलें साइन की जो उन्हें विश्व बैंक ने भेजी थी।
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दोनों बहुराष्ट्रीय कम्पनियो और मिशनरीज़ के एजैंट थे।
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राव ने विश्वास मत हासिल करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को करोडो रूपये की घूस भी दी और निचली अदालत में दोषी भी पाये गए।
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राव को निचली अदालत ने सबूत नष्ट करने का भी दोषी पाया था। बाद में उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी और उन्होंने बचे खुचे सबूत भी मिटा दिए और हाईकोर्ट के भ्रष्ट न्यायधीश ने उनको बरी कर दिया।
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राव मनमोहन सिंह की तरह ही जनाधार विहीन, आईएमएफ एजेंट और अमेरिका द्वारा नियुक्त वायसरॉय था।
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इसलिए राष्ट्र हित में अपने सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे राव को भारत रत्न नहीं दिया जाए- #NoBharatRatnaPVNR
https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10152951343636922
अपने क्षेत्र के सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे - #NoBharatRatnaPVNR
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भारत के मतदाताओ, यदि आप चाहते है कि विश्व बैंक के एजेंट राव को भारत रत्न नहीं दिया जाए, तो कृपया अपने सांसद को #NoBharatRatnaPVNR लिख कर एसएमएस भेजे।
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राव को भारत का प्रधानमंत्री विश्व बैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बनाया था।
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राव ने विश्व बैंक के निर्देशानुसार मनमोहन को वित्त मंत्री बनाया और दोनों ने मिलकर देश बहुराष्ट्रीय कम्पनियो के हवाले कर दिया। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनने के सिर्फ तीन महीने पहले ही कांग्रेस की सदस्य्ता ली थी !!! यह पहले से तय था कि मनमोहन वित्त मंत्री बनेंगे चाहे प्रधानमंत्री कोई भी बने !!! यदि तब बीजेपी को बहुमत मिलता तो भी मनमोहन बीजेपी की सदस्यता ले लेते और वित्त मंत्री बनते। लेकिन कांग्रेस को ज्यादा सीटे मिली और मनमोहन ने कांग्रेस ज्वॉइन की।
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काम के नाम पर राव और मनमोहन ने वे सभी फाइलें साइन की जो उन्हें विश्व बैंक ने भेजी थी।
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दोनों बहुराष्ट्रीय कम्पनियो और मिशनरीज़ के एजैंट थे।
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राव ने विश्वास मत हासिल करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को करोडो रूपये की घूस भी दी और निचली अदालत में दोषी भी पाये गए।
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राव को निचली अदालत ने सबूत नष्ट करने का भी दोषी पाया था। बाद में उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी और उन्होंने बचे खुचे सबूत भी मिटा दिए और हाईकोर्ट के भ्रष्ट न्यायधीश ने उनको बरी कर दिया।
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राव मनमोहन सिंह की तरह ही जनाधार विहीन, आईएमएफ एजेंट और अमेरिका द्वारा नियुक्त वायसरॉय था।
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इसलिए राष्ट्र हित में अपने सांसद को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजे राव को भारत रत्न नहीं दिया जाए- #NoBharatRatnaPVNR
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